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दिल्ली में कोरोना के 1042 केस:24 घंटे में 2 की मौत; सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य, स्कूलों में क्वारैंटाइन रूम बनाए जाएंगे।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।देशभर में कोरोना एक बार फिर अपना पैर पसार रहा है। सबसे ज्यादा केस दिल्ली में मिल रहे हैं। पिछले 24 घंटे में यहां 1,042 नए केस दर्ज किए गए हैं, जबकि दो मरीजों की मौत भी हुई है। इस दौरान 757 लोग ठीक भी हुए हैं। राज्य में पॉजिटिविटी रेट 4.64% के साथ एक्टिव केस की संख्या 3,253 हो गई है।
राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना जरूरी कर दिया है। ऐसा नहीं करने पर 500 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि निजी कार में सफर के दौरान मास्क नहीं पहनने पर कोई जुर्माना नहीं होगा।

दिल्ली सरकार ने स्कूलों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) जारी की है। SOP के मुताबिक, स्कूलों में क्वारैंटाइन रूम अवेलबल कराया जाएगा। इसके अलावा शिक्षक हर रोज अपने स्टूडेंट्स और उनके फैमिली मेंबर्स में कोविड से संबंधित लक्षणों के बारे में पूछेंगे।

उधर, IIT मद्रास के 18 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। देश के कुछ हिस्सों में कोरोनो स्पाइक के बीच यहां दो दिनों में कुल 30 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने गुरुवार को IIT मद्रास कैंपस का दौरा किया।
दिल्ली में मिले ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट (BA.2.12.1) की पुष्टि हुई है। हालांकि इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज में कोरोना पेशेंट के टेस्ट सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर नया सब-वैरिएंट (BA.2.12.1) पाया गया।

दिल्ली में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में 18-59 ऐज ग्रुप के लोगों को फ्री बूस्टर डोज लगाने का ऐलान किया है। राजधानी में यह आदेश गुरुवार से ही लागू हो गया है।
फिलहाल 12 से 13 साल के बच्चों को ही कॉर्बेवैक्स का अप्रूवल
DCGI (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने 5 से 11 साल के बच्चों पर कॉर्बेवैक्स वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की सिफारिश की है। पैनल ने इस मसले पर गुरुवार को बैठक की थी। कॉर्बेवैक्स हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई की ओर से स्वदेशी रूप से डेवलप किया गया पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।

एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को DGCI की मंजूरी मिलने के बाद ही बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी। फिलहाल देश में 12 से 13 साल के बच्चों को कॉर्बेवैक्स लगाई जा रही है।
12 से 17 साल के कुल 12.66 करोड़ बच्चे वैक्सीनेटेड
देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन की शुरुआत 3 जनवरी से हुई थी। शुरुआत में 15 से 17 साल के बच्चों को कोवैक्सिन ही लगाई जा रही थी। बाद में 16 मार्च को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए कॉर्बेवैक्स को शामिल किया गया। कुल मिलाकर देश में 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए दो ही वैक्सीन लगाई जा रही है।

कोविन पोर्टल के मुताबिक, 12-13 साल के 2.75 करोड़ से अधिक बच्चों को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं। वहीं, 15-17 साल के बच्चों को 9.90 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। यानी कुल 12.66 करोड़ बच्चों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

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