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खोर गांव में स्कूल से घर आकर छात्रा ने फांसी का फंदा लगाकर की आत्महत्या।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। जिले के शंभूपुरा थाना अंतर्गत खोर गांव में एक स्कूली छात्रा द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले से क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खोर में पढ़ने वाली सातवीं कक्षा की 14 वर्षीय एक बालिका जो कि स्कूल गई हुई थी जो स्कूल समय में ही अचानक दोपहर करीब 1 बजे घर पर आई जिस समय घर पर कोई नहीं था उसने स्टॉल से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, कुछ समय बाद जब परिजन लौटे तब घटना का पता चला जिसपर शंभूपुरा थाने में सूचना दी गई। मामला गंभीर होने के चलते शंभूपुरा थानाधिकारी रमेश कविया के साथ ही भदेसर डिप्टी शिप्रा राजावत मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और नाबालिक बच्ची को फंदे से नीचे उतारा एवं बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा सब परिजनों को सौंपा। साथ ही परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।
इधर परिजनों ने बताया कि घटना के बाद विद्यालय में गए थे वहां पर दरवाजे बंद थे अध्यापकों से जानकारी लेने पर बताया कि बच्चे बाहर चले जाते हैं जिसके चलते दरवाजे बंद रखते हैं तो वही बच्चों से परिजनों ने पूछताछ की जिसमें सामने आया कि विद्यालय की इस बालिका को स्टाफ द्वारा ही डांट फटकार के बाद वह विद्यालय छोड़कर चली गई थी।
गौरतलब है कि इसी बालिका के साथ इसी विद्यालय में करीब 3 साल पहले भी इस तरह की घटना सामने आई जिसमें उसे गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय के बाद उदयपुर भी रेफर किया था तो वहीं परिजनों द्वारा इस मामले में शंभूपुरा थाने में रिपोर्ट दी थी जो मामला कोर्ट में चल रहा है। वहीं परिजनों ने यह भी बताया कि बच्ची को विद्यालय स्टाफ द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था इसी के चलते उसने संभवतः इस तरह का गंभीर कदम उठाया, परिजनों ने मामले की जांच कर दोषियो पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सवाल यह भी की विद्यालय समय मे बच्ची घर कैसे पहुची।
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मात्र 14 साल की बच्ची के आत्महत्या करने के पीछे कहीं सवाल छूट गए हैं बड़ा सवाल यह भी कि विद्यालय समय में बच्ची घर कैसे पहुंच गई आखिर इस समय विद्यालय स्टाफ क्या कर रहा था क्या इस तरह बच्चे विद्यालय से कहीं भी चले जाएंगे तो विद्यालय स्टाफ की जिम्मेदारी क्या रह जाती हैं अब देखना यह है कि मामला शिक्षा विभाग से भी जुड़ा है तो शिक्षा विभाग किस तरह की कार्रवाई अमल में लाता है।

इसी बच्ची के साथ इसी विद्यालय में दूसरी बड़ी घटना
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आत्महत्या के पीछे मुख्य कारण क्या रहे यह तो जांच के बाद ही साफ हो पाएंगे लेकिन बड़ा सवाल यह भी कि इसी बच्ची के साथ इसी विद्यालय में दूसरी बार इस तरह की बड़ी घटना होना और ऐसा बड़ा कदम उठाना विद्यालय स्टाफ और सुरक्षा को लेकर भी एक बड़ा सवाल के साथ हो संदेह पैदा होता है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ या फिर ऐसा कुछ किया गया यह तो अब जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

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