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निम्बाहेड़ा-जीवन एक स्वंय प्रतियोगिता है जो मेहनत करता है वही सफ़ल होता है- सुफ़ियान।

वीरधरा न्यूज़।निम्बाहेड़ा@ श्री मनोज सोनी।
निम्बाहेड़ा-आज मंसूरी जमातख़ाना में ‘मुस्लिम समाज में शिक्षा का महत्व और हमारी ज़िम्मेदारियां’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन हुआ जिसमें निम्बाहेड़ा से पहले आईएस बने सुफियान अहमद को भी सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम हमारा कारवां, नागरिक सहायता केंद्र, कृति संस्थान, पहचान सेवा संस्थान, मददगार सोसाइटी, निशात एकेडमी, अज़म फाउंडेशन और अंजुम साहब फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से आयोजित किया और इसमें निम्बाहेड़ा, नीमच, कपासन, उदयपुर, आदि से शिक्षा से जुड़े लोग और संस्थाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर रखा गया कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा. अब्दुल रशीद अगवान ने बताया कि शिक्षा अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है और जो लोग शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश नहीं करते वे अपने जीवन को अंधकार और निराशा के गर्त में पहुंचाने के लिए स्वयं ज़िम्मेदार होते हैं। उन्होंने कहा कि अब नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है जिसका गहरा अध्ययन करके शिक्षा के काम में जुटे लोगों को इससे पूरा फायदा उठाना चाहिये। इस शिक्षा नीति में समाज के कमज़ोर और वंचित समुदायों (एसईडीजी) के लिए विशेष प्रावधान किये गये हैं जिनका फायदा कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय उठा सकता है मुख्य अतिथि और आरएनटी कालेज कपासन के अध्यक्ष डा. वसीम ख़ान ने मुस्लिम समाज में शिक्षा की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्थिति जो भी हो उसे बदलने की कोशिश से ही इसमें सुधार होगा। उन्होंने इस पर ज़ोर दिया कि मुस्लिम समाज और उसके जागरूक सदस्यों को आगे आना होगा। उन्होंने अपने अनुभवों की रोशनी में बताया कि शिक्षा की ओर बढ़ा हर छोटा-बड़ा क़दम समाज को बदलने के लिए बहुत ही अहम है कार्यक्रम के विशेष अतिथि और निम्बाहेड़ा नगर से बने पहले आईएएस अधिकारी सुफियान अहमद का आयोजक संस्थाओं ने स्वागत और सम्मान किया। हमारा कारवां से उस्मान साथी, नागरिक सहायता केंद्र से अरशद ख़ान, कृति संस्थान से सिराज अहमद ख़ान, पहचान सेवा संस्थान से मोहम्मद वाहिद ख़ान, मददगार सोसाइटी से शाकिर पेंटर, निशात एकेडमी से राशिद ख़ान, अज़म फाउंडेशन से अब्दुल क़य्यूम, अंजुम साहब फाउंडेशन से नुसरत ख़ान और दूसरे गणमान्य लोगों ने माला पहना कर उनका स्वागत किया, डा. वसीम ख़ान ने मेमेंटो दिया और डा. अगवान ने शाल पहनाई साइटेशन अब्दुल सत्तार मंसूरी ने पेश किया।सुफियान अहमद ने स्थानीय लोगों के प्यार और आशीर्वाद पर धन्यवाद देते हुए कहा कि जीवन स्वयं एक प्रतियोगिता है और इसमें वही सफल रहता है जो उसके लिए मेहनत करता है। उन्होंने नवजवानों को संदेश दिया कि वे भीड़ का हिस्सा न बनें बल्कि अपनी योग्यता और सामर्थ्य का जायज़ा ले कर ही अपने जीवन के लक्ष्य के मुताबिक़ केरियर का चुनाव करें और उसके लिए पूरी ईमानदारी से मेहनत करें। कृति संस्थान के सचिव सिराज अहमद ख़ान ने शिक्षा के अधिकार पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस अधिकार की वजह से एक ग़रीब परिवार के बच्चे भी मंहगे स्कूल में अच्छी शिक्षा ले सकते हैं क्योंकि उनका खर्च सरकार वहन करती है। इसके लिए उन्होंने लोगों में जागरूकता लाने और अच्छे स्कूलों में एडमिशन के लिए उनके मार्गदर्शन को ज़रूरी बताया। शुरू में हाफ़िज़ युनूस ने इस्लाम में शिक्षा के महत्व पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस्लाम धार्मिक और व्यावहारिक दोनों तरह की शिक्षा को महत्व देता है। कार्यक्रम का संचालन नुसरत ख़ान ने किया और धन्यवाद देने की रस्म मोहम्मद वाहिद ख़ान ने निभाई।

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