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चित्तौड़गढ़- राजकीय सांवलिया जी जिला चिकित्सालय के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति दर्द से तड़पता रहा, प्रशासन रहा बेखबर।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। सांवलिया चिकित्सालय के बाहर कल बुधवार शाम एक खानाबदोश सा दिखने वाला एक व्यक्ति जिसका पैर गंभीर रूप से घायल था और घाव में कीड़े तक पड़ रहे थे और पांव पुरा सड़ चुका था, पैर के घांव से पस भी बह रहा था, अचानक सांवलिया चिकित्सालय के सामने दर्द के मारे रोड़ के बीच में ही लगभग आधे घंटे से ज्यादा समय तक बैठा रहा जिसके पास से सैकड़ों वाहन निकल रहे थे लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की और ना ही किसी ने इसकी सूचना चिकित्सालय प्रबंधन को दी बस लोग उसको घृणा की नजर से देखकर और फिर मु़ंह मोड़कर आगे बढ़ रहे थे वाकय् में मानवीय संवेदनाएं हमारे समाज में औपचारिकता और दिखावें की चीज बनकर रह गई है। बाद में राह से गुजर रहे रिठोला निवासी समाजसेवी जयपाल ओड ने उससे बात कर उसे एक तरफ हटाने और सड़क किनारे बैठाने की बात कही तो उस घायल ने रोते हुए कहा कि मैं यहीं पर ठीक हूं मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है, लेकिन किसी ने भी उसे सामने स्थित चिकित्सालय में भर्ती कराने अथवा मिलने वाले निःशुल्क इलाज के बावजूद ईलाज तक करवाने की हिमाकत नहीं की, ना ही चिकित्सालय के किसी प्रशासनिक अधिकारी का इस ओर ध्यान जा सका, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
बता दे कि आज हमारे चित्तौड़गढ़ जैसे विश्वविख्यात शहर में कई लोग स्मैक जैसे प्राणघातक नशीले पदार्थों का सेवन कर खानाबदोश बन चुके हैं जिनके साथ कई बार दुर्घटनाएं एवं अप्रिय घटनाएं होने के बावजूद भी उनकी सुध बुध लेने वाला कोई दिखाई नहीं देता और ऐसे में उनके शरीर पर लगी चोट और घांव का कोई भी इलाज नहीं हो पाता एक ओर सभ्य समाज का दम भरने वाला हमारा समाज ऐसे लोगों से घृणा कर दूर से निकलता है तो दूसरी ओर प्रशासन अथवा सामाजिक संगठन भी आंख बंद कर बैठे है खैर दिन पर दिन चित्तौड़गढ़ में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है जो कि वर्ल्ड हैरिटेज कहलाने वाले पर्यटन स्थल चित्तौड़गढ़ के लिए एक गंभीर विचारणीय विषय है। सम्भवतया यह व्यक्ति भी नशे की आदत के कारण ही इस स्थिति में पंहुच गया कि आज घायल अवस्था में भी उसके कोई पास जाने तक को तैयार नहीं हो रहा है, खैर जिला प्रशासन को समय रहते इस ओर संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए।

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