वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। अभी-अभी हमारे देश ने कोरोना की विभीषिका के दंश को झेला है इस देश में हमारे देश के कई युवा किसान एवं एवं मजदूर बेरोजगारी एवं भुखमरी को झेल चुके हैं उसके बावजूद भी चित्तौड़गढ़ के कुछ डॉ कौरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करते हुए फिर से एक बार देश की जनता को कोरोनावायरस की मार में झोंकने का भरसक प्रयास कर रहे हैं मामला चित्तौड़गढ़ शहर के प्रताप नगर स्थित एक निजी चिकित्सक के घर का पाया गया है। वहां सैकड़ों की संख्या में मरीजों को टोकन नंबर जारी करने के बाद भी एक ही हॉल में ठूंस दिया गया है जिससे कि वातावरण में सांस लेने तक की जगह नहीं दिखाई दे रही है अन्दर बैठी नर्सिंग कर्मी भी आपस में बातें करने में व्यस्त दिखाई दी जबकि टोकन जारी करने के बाद उन्हें मरीजों को व्यवस्थित आवाज लगाकर बुलाया जाना चाहिए। हाल यही नहीं बल्कि चिकित्सक के घर के बाहर सड़कों का हाल देखें तो दोनों तरफ दो पहिया वाहन खड़े कर दिए गए हैं किसी प्रकार की यातायात व्यवस्था यहां देखी नहीं गई है जिससे कि दोपहिया वाहन से आने वाले चौपहिया वाहन से घसीटते हुए निकल रहे हैं और अपनी गाड़ियों पर स्क्रैच लेकर आगे बढ़ रहे हैं किसी प्रकार की ट्राफिक एवं सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था यहां पर नहीं है जिससे मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सम्भवतया कोरोना का तीसरी लहर भी आने वाली है जिसकी सावधानी रखना पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सकों की जिम्मेदारी है लेकिन क्यों प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा है यह तो समय ही बता पाएगा क्या डॉक्टर की जिम्मेदारी और उनकी तीसरी लहर की रोकथाम के लिए कौन इन निजी चिकित्सालयों पर कार्यवाही करेगा अथवा नहीं खैर जनता मूकदर्शक खड़ी है बदलाव के इंतजार में।