वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। डॉ समकित मुनि की प्रवचन श्रृंखला “समकित के संग समकित की यात्रा स्ट्रेसफुल लाइफ का सोल्युशन”के क्रम में बुधवार को खातर महल में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम से पूर्व ,श्रमण संघ के उपाध्याय प्रवर शतायु पूज्य गुरुदेव मूल मुनि म सा के स्वास्थ्य लाभ की कामना से प्रातः9 बजे से नवकार महामंत्र का मंगल जाप किया गया। जाप के पश्चात डाक्टर समकित मुनि ने प्रवचन में कहा कि रिश्तों में सौभाग्य और दुर्भाग्य दोनों समाए होते हैं। स्वर्गिक सुख सदैव परिवार – माता पिता में समाया होता है। ज्ञानी जनों ने गृहस्थ धर्म को *तीर्थ* कहा है। गृहस्थ यदि जीना सीख लेवें तो वह उसी जीवन में मुक्त, शुद्ध ,बुद्ध बन जाता है।
गर्भ में पल रहे जीव को गर्भपात करके मार देना अपराध की श्रेणी में नहीं है- ये कैसी मनुष्यता है? बेकसूर मूक जीव की हत्या क्यों? जीवन रक्षा करने वाले या शरण देने वाले को धोखा देना महान पाप कहा गया है।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि डॉ समकित मुनि ने वयोवृद्ध श्रावक 70 वर्षीय मांगीलाल धींग ने 34 वें व वरिष्ठ श्रावक सुरेश बोहरा को 19 वें उपवास के प्रत्याख्यान दिलाये। प्रवचन कार्यक्रम में भवान्त मुनि, साध्वी विशुद्धि म सा, साध्वी विशाखा म सा विराजित रहे ।
कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान ने उपाध्याय प्रवर मुल मुनि म सा के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की ।