वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।जहा कोरोना महामारी के बीच जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार कोरोना मरीजों को मदद के लिए तत्पर है ऐसे में भी जिले में ड्रग माफिया चांदी लूटने से बाज नही आ रहे।
बता दे कि चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्रेट के सामने हो या जिला चिकित्सालय के सामने जहा आमतौर पर ओक्सोमीटर 300 से 400 रुपये में मिल जाया करता था इसीबीच महामारी में जहा इसकी मांग बढ़ी है वही शहर में ड्रग माफियाओ के भी चांदी हो गई है, अभी खुलेआम ये लोग आमजन की मजबूरी का फायदा उठाते नजर आ रहे है और यही 300 से 400 रुपये में मिलने वाला ओक्सोमीटर अगर आपके पहचान है और ऊंचे रसूखात रखते है तो आपको 1500 से 2000 के बीच मे मिल जाएगा लेकिन आमजनता की तो यह पहुच से ही दूर जाकर 2000 से 2500 तक खुलेआम बिक रहा है और लोगो को भी मजबूरी में इसे आसमान छूते दामों पर खरीदना पड़ रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि जहा 5 रुपये का सामान भी महंगा बिकता तो विभाग कार्यवाही करने पहुच जाता है ओर अच्छी बात है करना भी चाइये लेकिन अभी सबसे अधिक जरूरत की चीज बने ओक्सोमीटर हद से ज्यादा महंगा बिक रहा और खुलेआम कालाबाजारी ओर आमजन के साथ लूट हो रही तो इस पर प्रसासन का ध्यान क्यो नही जा रहा, जहा मेडिकल को आपातकालीन सेवाओ में खोलने की अनुमति है ऐसे में ये उसका भी पूरा फायदा उठा रहे और कालाबाजारी करने से नही चूक रहे, सूत्रों से यह भी जानकारी मिली कि शहर में ऐसे कई ड्रग डीलर ओर मेडिकल संचालक है जो बिल तो पार्टियों के नाम से बना रहे और बेच इनको ऊंचे दामो में रहे है ऐसे में समय रहते जिला प्रशासन को संज्ञान लेने की आवश्यकता है अन्यथा आगे हालात और भी गम्भीर हो सकते है।
ऐसा है तो उचित कार्यवाही की जाएगी।
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जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा ने कहा कि शहर में अगर इस प्रकार इस अति आवश्यक सामग्री की कालाबाजारी हो रही है तो बहुत गलत है, जल्द उचित कार्यवाही की जाएगी।