वीरधरा न्यूज़।बीकानेर@ श्री अक्षय लालवानी।
बीकानेर।कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में संक्रमण का खतरा अधिक है। जब मरीज संक्रमित होने के पश्चात अत्यंत गम्भीर हो जाता है तो उसमें प्लाजमा थेरैपी एक संजीवनी बूटी की तरह कारगर साबित हुई है। लोग जरूरतमन्दों को प्लाज़्मदान कर रिश्तों की नई इबारतें लिख रहे हैं।
फ़िक़्र-ए-मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन सोसाइटी के उपाध्यक्ष अब्दुल क़दीर गौरी कहते है कि मरुनगरी बीकानेर में जब तक इस्माईल खोखर ओर राहुल आचार्य जैसे लोग मौजूद है तब तलक दीपावली पर अली पटाखे भी जलाएगा, ओर राम रमजान में रोजेदारों के लिए इफ्तारी भी करवाएगा ।
बुधवार को इस्माईल खोखर ने प्लाजमा दान कर ये साबित कर दिया कि प्लाजमा की जरूरत चाहे अम्बालाल पांडे को हो या सैयद अहमद खान को इंसान होने के नाते ओर इंसानियत के लिए हमेशा इस तरह के कार्य करता रहूंगा।
फिक्र ए मिल्लत के मुख्य सरंक्षक फ़रियाद नजीर खान ने बताया पीबीएम हॉस्पिटल एमसीएच बिल्डिंग के 2 नo आईसीयू के 4 नo बेड पर एडमिट पेशेन्ट सैयद अहमद खान (50वर्ष) जो कोरोना संक्रमण से संक्रमित है और उनकी हालत बीती रात से काफी ज्यादा नाजुक होने की वजह से डॉक्टर ने पेशेंट खान के परिजनों को प्लाजमा चढ़ाने का बोला ओर परिजन उसी वक़्त से प्लाजमा की व्यवस्था करने में लग गए, सोशल साइट्स, फोन कॉल के माध्यम से अपने परिचितों से B पॉजिटिव प्लाजमा डोनर की जानकारी जुटाने लगे ।
इसी क्रम में बीकानेर हेल्पिंग हैंड्स के सोहैल भियानी ने फिक्र ए मिल्लत के महासचिव बंटी गोरी एवं अब्दुल क़दीर से सम्पर्क साधकर केस की गंभीरता से अवगत करवाया, फिक्र ए मिल्लत के सदस्यों ने वक़्त जाया न करते हुवे इस्माईल खोखर से सम्पर्क कर पीबीएम ब्लड बैंक पहुँचकर इस्माईल खोखर का प्लाजमा डोनेट करवाया और जरूरतमंद मरीज सैयद अहमद खान की जिंदगी बचाने की को अंजाम देकर इंसानियत की नजीर पेश की ।
प्लाजमा डोनेशन के दौरान डॉ. प्रेम पड़िहार,डॉ.ऋषि माथुर, डॉ. विकास डॉ. ईशान जोशी,आदि मौजूद रहे।
इसी क्रम में फिक्र ए मिल्लत के प्रोजेक्टर मैनेजर शाहिद खान ने बताया कि फिक्र ए मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन रक्तदान एवं प्लाजमा दान जैसे कार्यो के साथ साथ अपनी सहयोगी संस्था असहाय एवं लावारिस सेवा संस्था के साथ मिलकर बीकानेर शहर में जो लोग असहाय एवं निराश्रित घुम रहे है उनका पीबीएम हॉस्पिटल में इलाज करवाकर उन्हें आश्रम तक पहुंचाने की सेवाओं को भी अंजाम दे रही है ।
असहाय एवं लावारिस सेवा संस्थान के संस्थापक एवं फिक्र ए मिल्लत के वरिष्ठ सदस्य राजकुमार खड़वात ने बताया कि 5 मई को एक बे सहारा महिला जिसका नाम कमला शर्मा (50 वर्ष ) मिली, पीबीएम परिसर में बनी कैंटीन ओर पार्किंग स्टैंड के संचालकों से पूछताछ करने पर पता चला उक्त महिला पिछले 4-5 रोज यहां घूमती पाई गई ।
असहाय एवं लावारिस सेवा संस्थान के त्रिलोक सिंह ने महिला से पूछताछ करने पर पता चला उक्त महिला जयपुर की निवासी है, महिला ने अपने पति का नाम रोशन कोशक बताया और ये भी बताया कि महिला के अजय एवं विजय नाम के दो पुत्र के अलावा दो पुत्रियां भी है, महिला के दोनो पुत्रो की जिला अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के सामने खाने की होटल भी है ।
उक्त महिला के पास किसी भी तरह का आई डी प्रूफ ओर मोबाइल ना होने की वजह से हमारी टीम उनके परिवारजनों से सम्पर्क करने में असमर्थ रही,फिक्र ए मिल्लत के ताहिर हुसैन ने जानकारी देते हुवे बताया कि उक्त बे सहारा महिला की मानसिक स्थिति पूर्ण रुप से स्वस्थ नही होने की वजह से हमारी टीम के सदस्यों द्वारा महिला को पीबीएम हॉस्पिटल के दम्माणी हॉस्पिटल मानसिक रोग विभाग में डॉ. से चेकअप करवा कर दवाइया आदि दिलवाकर जयपुर रोड़ स्थित शांति निकेतन वृद्धा आश्रम पहुंचाया गया, ताकि जब तक उक्त महिला कमला शर्मा के परिवारजनों से सम्पर्क नही हो पाता तब तक सुरक्षा की दृष्टि से आश्रम के संचालको की निगरानी में वह अपना जीवन यापन कर सके ।