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गौ माता की सेवा करना अप्रत्यक्ष रूप से ईश्वर की सेवाएं:-गोपालानंद सरस्वती।

वीरधरा न्यूज़।बम्बोरी@श्री लोकेश जणवा


बम्बोरी। गाँव बम्बोरी में गुरुवार शाम को गो पर्यावरण एवं आध्यात्म चेतना पद यात्रा के आगमन पर बम्बोरी वासियों ने किया स्वागत किया।ग्रामवासियों ने गौ माता के रथ को पूरे गाँव मे खीचकर पुनः गो माता को दुर्गा चौक पर लाये।
गाय के साथ गौ पर्यावरण एवं आध्यात्म चेतना को 31 वर्षों से पूरे भारत में भ्रमण कर रहे एवं गो विचार व्यक्त करने वाले एवं गो के प्रति प्रेरणा जागरूक करने वाले संत गोपालाचार्य गोपालानन्द सरस्वती ने कहा कि ईश्वर भी स्वयं अग्नि मुख या गौ ग्रास ग्रहण करते हैं और जिनको गाय की सेवा का मौका मिलता है।वो अत्यंत भाग्यशाली होते हैं। गाय की सेवा एक प्रकार से अप्रत्यक्ष रूप से ईश्वर की सेवा ही है। गौ रक्षा करने का संदेश दिया।
महाराज ने कहा कि भारत के लोगों के रग-रग में गौमाता बसी हैं। प्रत्येक हिन्दू परिवार में गौ पूजा को महत्व दिया जाता है। वर्तमान दौर में शहर में जगह की कमी होने के कारण लोगों के पास गौ पालन करने के लिए न तो जगह है और न ही सेवा करने के लिए पर्याप्त समय है।
इसीलिए हमें सड़कों पर गोवंश गौ माता घूमती हुई दिखाई देती है।यदि हर परिवार का सदस्य अपने घर में एक गाय पालने का संकल्प ले ले तो सड़कों पर दिखने वाली एक भी गौ माता इधर-उधर घूमती हुई नहीं दिखेगी।
लोगों को गो माता का महत्व बताते हुए गौ सेवा करने की यह बातें दुर्गा चोक परिसर में कही। ग्राम वासियों को गो सेवा का संकल्प दिलाया।

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