आकोला। एक राष्ट्रीय युवा क्रांतिकारी तपस्वी मनस्वी गौभक्त संत जिन्होंने 31 वर्षीय गो पर्यावरण चेतना पदयात्रा के दौरान गौ रक्षार्थ महाराष्ट्र के घने जंगलो में रहकर 6 माह तक अन्न जल त्याग कर केवल गौमूत्र का पान कर कठोर तपस्या की । ऐसे महान् तपस्वी मनीषी संत अपनी 31 वर्षीय गो पर्यावरण चेतना पदयात्रा चल रही थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह पद यात्रा को एक वर्ष पूर्व विराम् लगा था, संत जगदीश गोपाल महाराज का ताणा आकोला जेजीएम गुरुकुलम में एक वर्ष बिताया जिसमें मार्च माह में सात दिवसीय गोकृपा कथा एवं लक्ष्मी नारायण महायज्ञ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए। एक वर्ष बाद पुनः 31 वर्षिय गौ पर्यावरण आध्यात्म चेतना पदयात्रा प्रणेता गौ भैरव उपासक सन्त श्री ने बताया की कोरोना काल के मध्यनजर पिछले एक साल से प्रभावित होने से एक वर्ष से जेजीएम गुरुकुलम में पूज्य गौभक्त गुरू की यात्रा बंद थी, इस दरम्यान जगदीश गोपाल महाराज ने क्षेत्र में कई गौशालाओ का शिलान्यास लोकार्पण किए।
इसी के साथ 1 अप्रैल गुरूवार से पुनः इस यात्रा का शुभारंभ किया 31 वर्षिय गौ पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतन पदयात्रा में समस्त ग्रामवासियों सैकड़ों भक्त गणों द्वारा स्वागत के पश्चात यात्रा को रवाना किया ये पदयात्रा करजाली, गोडाखेडा, सांवलियाजी, चिकारडा, हुरा बा की गौशाला, छोटीसादडी, प्रतापगढ़, बासवाडा जाएगी। इस मौके पर प्रधान हेमेंद्र सिंह राणावत आकोला सरपंच तारा मालीवाल, उपसरपंच भेरू लाल जाट, समाजसेवी शंकरलाल मालीवाल सहित जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण उपस्थित थे।