ओम जैन शंभूपुरा।
मात्र एक प्रत्याशी जो एक एसडीएम जो खुद एक न्यायाधीश है उसको खुलेआम थप्पड़ जड़ने जैसा अपराध करने के बाद भी अगर रिपोर्ट ओर आदेश का इंतजार किया जावे तो फिर यहाँ प्रसासन व सरकार सब फैल है। एसडीएम से बत्तमीजी कि तुरंत उसी टाइम अंदर डालना था लेकिन थप्पड का ओर इंतजार किया, क्या पुलिस उस समय सो रही थी जब उनके ही बड़े अधिकारी पर हाथ उठाता जा रहा था।
मामला 13 नवम्बर को देवली उनियारा विधानसभा में उपचुनाव के समय का है जहाँ एक निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा एक एसडीएम को थप्पड़ मार देता है, इसके बाद भी मत पेटियों को ले जाने से रोकना क्या देश का लोकतंत्र खत्म होता जा रहा है, या यहाँ सरकार सो गई है जिसकी वजह से जो सजा सुनाते है उनको भी एक प्रत्याशी कि गिरफ्तार की मांग करनी पड़ रही है, अगर हमारे देश मे ऐसे ही कानून कमजोर होता रहा तो वो समय दूर नही जब कई अनपढ़ नेता पढ़े लिखे अधिकारियों को नचाएंगे, बीच सड़क पर कलेक्टर एसपी को थप्पड लगाएंगे, कानून को हाथ मे नही लेंगे ये लोग कानून को पैरों तले रौंद देंगे।
ऐसे लोगों के लिए भी सरकार अगर नरम रुख रखती है, ओर एक अधिकारी को भी ऐसे न्याय मांगना पड़ है तो फिर सबसे पहले प्रदेश के सीएम को इस्तीफा दे देना चाइए उसके बाद सबको क्योकि ऐसे लोगों को ना तो राजस्थान में किसी सरकार की जरूरत ना कानून की, कानून तो नेताओं के हाथ की जैसे कठपुतली बन गया है उनकी इच्छा हुई तो किसी थानेदार को गालियां दे दी, कोई थानेदार कि कुर्सी छीन लेता है, कोई रोड पर पुलिस अधिकारियों को मारता है, तो कोई एसडीएम तक को नही छोड़ते।
ये जो हो रहा है ये राजनीति नही ये सब प्रदेश और देश को बर्बाद करने कि रणनीति हो रही है क्योंकि आज यह हालत है कि हमारे देश मे 100 में से 90 नेता भ्रष्ट है और उन पर कार्यवाही कोन करेगा क्योकि अनपढ़ शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री बन जाता है, तो कोई अपराधी किसी ना किसी मंत्री पद की कुर्सी सम्भाल रहा है, आज की राजनीति देश को लँगड़ा कर रही है इसका एक ही कारण देश के कानून का लचीलापन, जब तक कानून के नियम कढ़े नही किये जाते तब तक देश ऐसे ही नेताओ के सामने लड़खड़ाता रहेगा और एक दिन ऐसा भी आएगा जिस दिन देश अंदर के गद्दारो से ही हार जाएगा, देश को बचाना है तो कढ़े कानून कि मांग करनी होगी बाकी देश गद्दार नेताओ कि गंदी राजनीति से कहा से कहा चला जाएगा पता भी नही चलेगा।
पत्रकार ओम जैन शंभूपुरा
चित्तौड़गढ़ (राज.)