भीलवाड़ा में बागेश्वर धाम सरकार की कथा में उमड़ा आस्था का सैलाब। पं.धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान भाव नृत्य में झूमे एक लाख भक्त, बना विश्व रिकार्ड- महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन।
वीरधरा न्यूज़।भीलवाड़ा@ श्री पंकज आडवाणी।
भीलवाड़ा। शहर में चल रही प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज की पांच दिवसीय हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के अनुसार, कथा के दौरान श्रीनाथजी के भजन पर जब महाराज ने सुर साधे, तो पूरे पांडाल में उपस्थित लाखों की भीड़ भावविभोर होकर झूम उठी। कथा में एक बार तो ऐसा हुआ की समूचा पांडाल महिला पुरूष सभी भक्त महाराज के श्रीनाथजी के भजन पर झूम उठा।
महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने कहा कि श्रीनाथ जी के भजन के दौरान पूरे पांडाल में मौजूद एक लाख लोगों में से करीब 95 फीसदी भक्त अपने भाव नृत्य में झूम रहे थे। पांडाल का कोई भी कोना नहीं था जहां भक्त नाच न रहे हो।
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि पांडाल में लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे, जिनमें 95 प्रतिशत से ज्यादा भक्त भाव नृत्य में मग्न होकर भक्ति में लीन हो गए। पांडाल का कोई कोना ऐसा नहीं था जहां भक्तगण नाचते हुए नजर नहीं आ रहे थे। यह अनूठा दृश्य भीलवाड़ा में सनातन धर्म के प्रति गहरी आस्था का प्रमाण था।
स्वामी हंसराम महाराज ने कहा कि इस अद्भुत आयोजन में भीलवाड़ा के श्रद्धालुओं ने न केवल सनातन धर्म की महिमा को बढ़ाया, बल्कि एक नई मिसाल कायम की। उन्होंने इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑर्गेनाइजेशन में दर्ज होने योग्य एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड बताया। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाने का साक्षी बना है। उन्होंने कहा कि उनको इतने बरस हो गये धार्मिक कार्यक्रम देखते हुए तथा कथा करते व सुनते पर आज जैसा दृश्य उन्होंने देश व दुनियां में कहीं भी किसी भी संत की कथा में नहीं देखा है। बागेश्वर सरकार की पूर्व कथाओं में भी नहीं। भीलवाड़ा ने निश्चित रूप से आज सनातन धर्म का आदर करते हुए एक नया रिकार्ड बनाया है जो वर्ल्ड रिकार्ड आफ गिनिज बुक में दर्ज होना ही चाहिए।
महामंडलेश्वर ने इस भव्य आयोजन और भक्तों में भक्ति की ऊर्जा भरने के लिए बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज के प्रति आभार प्रकट किया। उनका मानना है कि महाराज की आध्यात्मिक शक्ति और भजनों की सुंदरता ने श्रद्धालुओं को ईश्वर के प्रति समर्पित भाव में बांध दिया, जिससे पूरा पांडाल भक्ति की बयार में बहने लगा।
स्वामी हंसराम महाराज ने भीलवाड़ा के भक्तों की सनातन धर्म के प्रति इस निष्ठा और समर्पण को विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा का यह आयोजन सनातन धर्म की सुरक्षा और उसके प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे सतत प्रयासों का ही परिणाम है। यहां संतों की एक लंबी परंपरा है, जो अपने स्तर पर सनातन धर्म की रक्षा और उत्थान के लिए प्रयासरत हैं। यह आयोजन भीलवाड़ा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया है, जहां संतों और श्रद्धालुओं की एकजुटता और भक्ति ने एक विश्व स्तरीय धार्मिक आयोजन को संभव बनाया।