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चाय ठंडी हो चुकी केतलियाँ अभी भी गर्म है…!

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़ @ ओम जैन शम्भूपुरा।

कहते है चाय से ज्यादा गर्म केतलियाँ होती है और बात सही भी है हमारे चित्तौडग़ढ़ कि राजनीती कि बात करो तो कुछ ऐसा ही हाल समय समय पर जिलेभर कि जनता को देखने को मिला है।
पहले चाय से ज्यादा केतलियाँ गर्म थी लेकिन वर्तमान समय मे लगता ऐसा है कि चाय तो ठंडी हो गईं लेकिन केतलियाँ अभी भी गर्म है, इससे कही ना कही चित्तौडग़ढ़ कि राजनीती कि जो स्वच्छ छवि थी उसे प्रदेश और राष्ट्र स्तर पर दागदार किया गया है, वो भी सिर्फ अपने निजी स्वार्थ के लिए, इसमें सीधा सीधा आमजनता को नुकसान हुआ है, यहाँ तक कि चित्तौडग़ढ़ कि जनता ने वोट तो दिया लेकिन आज भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है, हालात ऐसे बिगड़े हुए है कि आज हर कोई स्वयं को एमएलए एमपी नहीं सीधा मंत्री समझता है, जनता से वसूली भी अच्छी खासी समय समय और होती रही है जिसकी शिकायते भी मीडिया के पास पहुंची है।
बात विकास कि करें तो चित्तौडग़ढ़ और ज्यादा पिछड़ गया है जिनके पास शक्तिया थी या है वो कुछ करना नहीं चाहते और जो करना चाहते उनको कोई कुछ करने नहीं देता, अब इस सब मे बेचारी जनता पीस रही कि आखिर जाए तो किधर जाए इधर जाए तो कुआ है उधर जाए तो बावड़ी।
जनता को काफ़ी उम्मीद थी कि डबल इंजन कि सरकार बनी अब शायद विकास को पँख लगेंगे लेकिन यहाँ तो अपने अपने विकास के ठेकेदार बैठे है, इनके हिसाब से अपना काम बनता भाड़ मे जाए जनता।
चित्तौडग़ढ़ कि जनता का भी कहना है ऐसा राजनीतीक परिपेक्ष तो पहली बार ही यहाँ देखने को मिल रहा है कि राजनितिक रोटियां तो हर कोई सेकता आया है लेकिन यहाँ तो पुरी कि पुरी खिचड़ी पक रही है।
आखिर कब ये हालात सुधरेंगे यह तो कहना बड़ा मुश्किल ही है लेकिन भाई कोई जनता कि भी सुन लो आप से जनता को काफ़ी उम्मीद है आपकी केतलियों से नहीं, जनता के लिए आप आगे आइये केतलियों को आगे करेंगे तो आपकी केतलियाँ इतनी गर्म है कि जनता जल जायेगी।
उम्मीद है इस लेख को पड़ने के बाद महोदय अपनी केतलियों पर पानी छिड़कने का काम करेंगे और जनता के दुख दर्द सुनेंगे तब शायद चित्तौडग़ढ़ कि पावन धरा पर बोहे राजनितिक बीज से विकास का अंकुर निकल सकेगा।

पत्रकार
ओम जैन शम्भूपुरा
चित्तौडग़ढ़ राजस्थान

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