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बीमा कम्पनी के विरूद्ध 1,05,000/- रू. क्षतिपूर्ति राशि का आदेश।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौडग़ढ़।परिवादी पन्नालाल पिता नगजीराम व मुकेश पिता जमना निवासी भट्ट कोटडी जिला चित्तौड़गढ़ ने एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के विरूद्ध व भारतीय स्टेट बैंक चित्तौड़गढ़ के विरूद्ध स्थाई लोक अदालत चित्तौड़गढ़ में अधिवक्ता भगवत सिंह गिलुण्डिया, कुलदीप सुवालका, राजकुमार वैष्णव के जरिये इस आशय से परिवाद प्रस्तुत किया कि परिवादी के खाते से कृषि फसल बीमा की राशि काट कर क्रमशः वर्ष 2016, 2017, 2018 तक नियमित प्रिमियम लेकर विपक्षी कम्पनी द्वारा बीमा किया गया। इसके बाद प्रार्थी की वर्ष 2016-17 में रबी की फसल व ईसबगोल की फसल चक्रवर्ती तुफान आने से फसल नष्ट हो गई। जिसकी हल्का पटवारी व बीमा कम्पनी जिन्सवारी कर नुकसान का आंकलन किया गया। प्रार्थी को काफी नुकसान हुआ था। लेकिन बीमा कम्पनी ने लम्बे समय तक भुगतान नही किया। न्यायालय में जवाब प्रस्तुत किया कि फसल नुकसान के समय कोई प्रिमियम अदा नही की गई और प्रार्थी ने नुकसान का पुख्ता सबूत भी पेश नही किया जिससे बीमा राशि प्राप्त करने के अधिकारी नहीं है।
माननीय न्यायालय व सदस्य ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शर्मा सदस्या विमला सेठिया व शशि माथुर ने परिवादी के तर्को से सहमत होकर परिवाद स्वीकार कर विपक्षी के विरूद्ध आदेश सुनाया कि परिवादी की फसल के नुकसान के 1,05,000/-रू. अदा कर 3,000/-रू आर्थिक व मानसिक संताप व वकील मेहनताना अदा करें। यह दिनांक 18.11.2019 से तारीख अदायगी तक 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी अदा करें।

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