वीरधरा न्यूज़। बम्बोरी@ श्री लोकेश जणवा।
बम्बोरी के प्रसिद्ध मंदिर गंगश्वेर महादेव में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन शुक्रवार को धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव में मनाया गया। भागवत कथा में भगवान के जन्मोत्सव को लेकर मंच को फूलों की माला और गुब्बारों से विशेष रूप से सजावट की गई। इस विशेष दिन को लेकर श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ रही। कथा वाचक पूजा देवी प्रेमा सखी ने भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा सुनाते हुए कहा कि बाल गोपाल का जन्म देवकी और वासुदेव के आठवें संतान के रूप में होता है।
देवकी व वासुदेव का अर्थ समझाते हुए कहा कि देवकी यानी जो देवताओं की होकर जीवन जीती है और वासुदेव का अर्थ है जिसमें देव तत्व का वास हो। ऐसे व्यक्ति अगर विपरीत परिस्थितियों की बेड़ियों में भी क्यों न जकड़े हो, भगवान को खोजने के लिए उन्हें कहीं जाना नहीं पड़ता है। बल्कि भगवान स्वयं आकर उसकी सारी बेड़ी-हथकड़ी को काटकर उसे संसार सागर से मुक्त करादिया करते हैं। प्रेमा सखी ने कहा कि हर मनुष्य के जीवन में छह शत्रु हैं, काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ व अहंकार। जब हमारे अंदर के ये छह शत्रु समाप्त हो जाते हैं तो सातवें संतान के रूप में शेष जी जो काल के प्रतीक हैं वो काल फिर मनुष्य के जीवन में आना भी चाहे तो भगवान अपने योग माया से उस काल का रास्ता बदल देते हैं।तब आठवें संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार होता है। जिसके जीवन में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति आ गई तो ऐसा समझना चाहिए कि जीवन सफल हो गया। कथा के बीच में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की आकर्षक झांकी भी निकाली गई। श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर पेश किए गए भजन आजा कलयुग में लेके अवतार, आदि भजनो पर श्रद्धालु झूमते रहे।