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डोडाचूरा नष्टीकरण का आदेश निरस्त कर काश्तकारों को मिले उचित मुआवजा: विधायक आक्या.

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ डेस्क।

चित्तौडग़ढ़। चित्तौडगढ़ विधायक चंद्रभानसिह आक्या ने गुरूवार को विधानसभा सत्र के दौरान राजस्थान सरकार द्वारा निकाले गये डोडाचूरा नष्टीकरण के आदेश को निरस्त कराने तथा किसानो को उचित मुआवजा दिलाने की मांग सदन में रखी।
विधायक आक्या ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा निकाले गये आदेश में किसानो को गत 5 वर्ष के डोडा चूरा निस्तारण हेतु नियत तिथि को निर्धारित केम्प स्थल पर पहुचने के लिए आदेशित किया गया है। चुंकि डोडा चूरा को एक वर्ष से अधिक समय तक सुरक्षित नही रखा जा सकता है, समय के साथ स्वतः खराब हो जाता है विशेष रूप से बारिश के दिनों में नमी की वजह से डोडा चूरा सडने लगता है जिससे घरो आदि जगहो पर कीडे-मकोडे, जहरीले जीव-जन्तु पनपने लगते है जो मानव जीवन के लिए अति घातक है जिसके चलते किसानों द्वारा डोडा चूरा को खेत में डालकर नष्ट कर दिया जाता है। इसके अलावा डोडा चुरे को चोर लुटेरों के भय से भी लम्बे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है।
विधायक आक्या ने सदन में कहा कि पूर्व में ठेकेदार द्वारा डोडा चूरा को 125 से 200 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से खरीदा जाता था जो किसानों के जीविकोपार्जन में लाभकारी होता था। किसानों का मानना है कि डोडा चूरा जलाने के बजाय खेतों में ही डाला जाये जिससे वर्मी कम्पोस्ट खाद बन सके ताकी आने वाली फसल अच्छी व गुणवत्तापूर्ण पैदावार हो सके। सरकार द्वारा डोडा चूरा की खरीद बंद करने के बाद से लगातार डोडा चूरा तस्करी के प्रकरण बढते जा रहे है। सरकार द्वारा 5 वर्ष के डोडाचूरा नष्टीकरण के आदेश से किसान परेशान है तथा उनके द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
उन्होने सरकार से आग्रह किया कि अफीम काश्तकार की पीड़ा को महसुस करते हुए डोडा चुरा नष्टीकरण के आदेश को निरस्त करवाते हुए, सरकार द्वारा पुर्व की भांति पुनः इसकी खरीद चालु करवाई जाए तथा कम से कम 500 रूपये किलो के हिसाब से खरीद की जाए अथवा डोडाचूरा को खेत में डालकर नष्ट करवाया जावें जिसका किसानों को उचित मुआवजा दिया जाये।

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