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राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कम होती संख्या को लेकर उठे सवाल।

वीरधरा न्यूज़।जयपुर@ श्री राहुल भारद्वाज

जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशो की कम होती संख्या को लेकर अब आवाज उठने लगी है और वकीलो का एक समूह लामबंद होने लगा है। नियमानुसार राजस्थान उच्च न्यायालय में 50 न्यायाधीश होने चाहिए परन्तु वर्तमान में कुल 23 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं जिससे न्यायालय में मुकदमों का अंबार लग रहा है यदि जजो की शीघ्र नियुक्ति नहीं की गई तो न्यायालय में मुकदमों का अनावश्यक भार बढ़ेगा जिससे जनता को न्याय मिलने में विलंब होगा।

इस बारे में जानकारी देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व पब्लिक अंगेस्ट करप्शन संस्था के सदस्य एडवोकेट पूनम चन्द भंडारी ने बताया कि हाईकोर्ट में जजों की कम होती संख्या से जनता को समय पर न्याय नहीं मिल रहा है व मुकदमों का अंबार लग रहा है, इसके साथ ही वकीलों को भी मुवक्किलों को जवाब देना भारी पड़ रहा है । न्याय में विलंब के कारण लोग जेलों में पड़े सड रहे हैं। सिविल मुकदमों की सुनवाई नहीं हो रही है मुवक्किल मर जाते हैं पर मुकदमों का नंबर नहीं आता है। पूनम चन्द भंडारी ने कहा कि न्यायिक प्रणाली ध्वस्त हो रही है। पावरफुल व पैसे वाले लोगों के मुकदमों की सुनवाई तुरंत हो जाती है परन्तु गरीब को समय पर न्याय नहीं मिलता है ।भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है।

एडवोकेट भंडारी ने मांग करते हुए कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय में 27 जजों की नियुक्तियां अतिशीघ्र होनी चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने बार एसोसिएशन व बार काउंसिल से भी इस बारे में कदम उठाने की मांग की है । इसके अलावा उन्होंने कहा कि राजस्थान न्यायिक सेवा की नियुक्तियां भी समय पर हर वर्ष होनी चाहिए।

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