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डूंगला-उपखंड अधिकारी के साथ विकास अधिकारी डूंगला ने देवाखेड़ा तलाई पर चल रहे मनरेगा कार्य का औचक निरीक्षण किया।

 

वीरधरा न्यूज़। डूंगला@ श्री मोहन दास बैरागी।

डूंगला।उपखंड क्षेत्र में चल रहे नरेगा के कार्य को लेकर डूंगला उपखंड अधिकारी ईश्वरलाल खटीक, डूंगला विकास अधिकारी मामराज मीणा ने देवाखेड़ा तलाई पर चल रहे मनरेगा कार्यों का औचक निरीक्षण करने 10 बजे पहुचे। नरेगा पर कार्य कर रही लेबर से कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। वही मेट ओंकार लाल सेन से मस्टरोल को लेकर जानकारियां हासिल की। जिसमें सामने आया कि 133 लेबर में से 91 उपस्थित थी। मेट द्वारा बताया गया कि 5 महिलाओं के बीच में एक चौकड़ी दी जा रही है जो गवर्नमेंट के नोमस के अनुसार टास्क पूरा करना होता है। प्रत्येक पांच महिलाओं के बीच में लगाई जा रही चौकड़ी का भी निरीक्षण किया। तलाई के लिए बन रही पाल का भी निरीक्षण किया तथा बताया कि पाल की चौड़ाई 4 फिट है वही ऊंचाई लगभग 5 फिट रहेगी। अधिकारियों द्वारा मजदूरों के लिए छाया पानी की व्यवस्था के साथ गर्मी के मौसम में लू ताप घात जैसी बीमारी से बचाव के लिए एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेदिक औषधियां भी उपलब्ध करवाई जा रही है। जिससे बीमार होने पर मौके पर राहत उपलब्ध करा सके।
इस मौके पर उपखंड अधिकारी ने मजदूरी कर रहे महिला पुरुषों को अपने साथ केरी तथा प्याज रखने की भी सलाह दी। मेट को बीमार मजदूरों को नहीं लगाने की सलाह दी। निरीक्षण के मौके पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर राजकीय आयुर्वेद औषधालय चिकारड़ा के डॉ बनवारी लाल शर्मा द्वारा नरेगा लेबर को क्षेत्र में फैल रही लू व ताप घात की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक औषधियां के बारे जानकारी दी गई। इसके साथ ही पंपलेट भी वितरण किए गए। दवाइयां का वितरण डूंगला उपखंड अधिकारी ईश्वरलाल खटीक, विकास अधिकारी मामराज मीणा के साथ डॉ बनवारी लाल शर्मा ने बीमारी से ग्रसित होने को लेकर उपाय के साथ आयुर्वेदिक औषधियां वितरण की। वैसे देखा गया कि कोई भी मजदूर सोमवार को कार्य करते हुए बीमार नहीं दिखाई दिया। लेकिन दवा का वितरण आगे आने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए किया गया है। जिसमें मुख पाक (छालों ) में मुुलेेठी,कर्पूर धारा, कास में तालिसादि चूर्ण, अग्निमांध में अग्नि संदीपन चूर्ण, तथा तथा कार्श्य व्यक्तियों को भी वितरित की। दवाओं में उल्टी दस्त बुखार जुकाम खांसी आदि से संबंधित आयुर्वेदिक औषधियां थी।
इस मौके पर योग प्रशिक्षक आशा जाट ने प्रातः योग करवा इसकी महता विभिन्न रोगों में योग की महत्ता बताई तथा विशेष रूप से शीतली प्राणायाम करने से शरीर मे ठंडक पैदा होती है। वही डॉक्टर बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि इस मौसम में तेज लपट व झुलसा देने वाली गर्म हवा व इससे बचने के लिए जब भी हम घर से बाहर निकले तो एक गिलास ठंडा पानी पीकर ही निकले एक खास बात पानी के लिए घर में मटका रखें और इसी का पानी पिए, खाने में कच्चे प्याज की सलाद खाएं, छाछ में प्याज में जीरा मिलाकर व चलते समय एक प्याज जेब मे रख लेतो लू लगने से बचा जा सकता है।
दिन भर में कम से कम 10 से 15 गिलास पानी अवश्य पिए जिससे हमारे शरीर में पानी की कमी ना हो। इस ऋतु में हमारी पाचन शक्ति न कमजोर हो जाने के कारण तेज मसालेदार तले हुए गरिष्ठ भोजन न करें। तेज धूप से बचाव के लिए टोपी स्कार्फ व गमछा का प्रयोग करें, सूर्य की तेज धूप से आंखों को बचाने के लिए गहरे रंग के या सनग्लास का उपयोग करें। प्रातः जल्दी उठकर ताजी हवा का सेवन अवश्य करें, गर्मी के मौसम में सूती वस्त्र ही पहने क्योंकि सूती वस्त्र पसीना सूखने में कारगर होता है, जहां तक हो सके ठंडे पानी से ही स्नान करें, बेल का शरबत गर्मी के लिए बहुत उत्तम माना जाता है गर्मी में मोटापा घटाने के लिए भी यह सहायक होता है। मतिरा (तरबूज) बेहद गुणकारी है गर्मियों में इसके सेवन से बचा जा सकता है। नारियल में प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं गर्मी में इसका सेवन अच्छा माना जाता है, नींबू की शिकंजी गर्मी के लिए बहुत अच्छा पेय है, पुदीने में प्राकृतिक रूप से पिपरमेंट पाया जाता है ,जो लू, बुखार शरीर में जलन और गैस की तकलीफ को दूर करता है। किसी भी तरह की अपच अजीर्ण पित्त की अधिकता पेट दर्द गैस में जलजीरा लाभकारी होता है। गर्मी के मौसम में ठंडाई का प्रयोग अवश्य करें,गर्मी के मौसम में जीरा नमक डालकर छाछ पीना भी फायदेमंद है। लू ताप घात से बचाव के लिए विभिन्न प्रकार के टिप्स दिए। निरीक्षण के अंतिम दौर में पक्षियों के लिए परिंडे बांध उनमे पानी भरा गया। परिंडे छायादर पेड़ पर बांधकर नियमित पानी भरने की सलाह दी गई।

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