चित्तौडग़ढ़-महिला को डायन बता पीटने के केस में राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान।
वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@श्री दुर्गेश कुमार लक्षकार।
जयपुर/चित्तौड़गढ़। दैनिक हिन्दी समाचार पत्र दैनिक भास्कर में दिनांक 25 फरवरी, 2024 को “बांसवाड़ा : डायन बता कर पीटा, 13 पर केस” शीर्षक से प्रकाशित खबर का राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्व-प्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस रामचंद्र सिंह झाला के आदेशानुसार जिला पुलिस अधीक्षक, बांसवाडा को निर्देशित किया गया कि खबर में अंकित तथ्यों के आधार पर जांच / अनुसन्धान कराकर प्रकरण में अविलम्ब न्यायोचित कार्यवाही करावें तथा की गई कार्यवाही एवं वस्तुस्थिति की पूर्ण तथ्यात्मक रिपोर्ट आगामी तारीख पेशी से पूर्व राज्य आयोग को प्रेषित करें। आदेश के अनुसार खबर के अवलोकन से प्रथम दृष्ट्या मानव अधिकार हनन का गम्भीर मामला प्रतीत होता है।
आदेश के अनुसार खबर में दिनांक 18 नवम्बर को भी ऐसा ही मामला घटित होना अवगत कराया गया है तथा खबर के अंतिम वाक्य में भी अंकित किया गया है कि, “गौरतलब है कि 10 दिन में यह दूसरा प्रकरण है।” जिला पुलिस अधीक्षक, बांसवाडा को निर्देश दिए गए है कि 10 दिवस पूर्व ऐसी ही जिस घटना के सम्बन्ध में खबर में इंगित किया गया है उस घटना के सम्बन्ध में भी आयोग को पूर्ण तथ्यात्मक रिपोर्ट पृथक से प्रस्तुत करें।
आदेश के अनुसार खबर में अंकित किया गया है कि, मोटागांव थाना क्षेत्र में महिला को डायन बताकर प्रताडित करने का एक और मामला आया है। अबकी अंधविश्वास में आरोपियों ने बकरे की बलि तक दे दी। पीडिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने 13 जनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। महिला की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। आरोपियों ने महिला को डायन कहते हुए मारपीट की। चार आरोपियों ने कुल्हाडी से वार किया। सीने, पीठ और पैरों पर लाठियों से पीटा 18 नवम्बर को भी ऐसा ही मामला आया था। लेकिन परिवार के ही पूर्व सरपंच ने मामला रफा-दफा करवा दिया इत्यादि।