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डबल इंजन की सरकार से प्रदेश की जनता ठगा सा कर महसूस रही, राज्य के मिनी बजट में मोदी की गारंटी की हवा निकली:पूर्व राज्यमंत्री जाड़ावत।

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@डेस्क।


चितौड़गढ़। भजनलाल सरकार के पेश अंतरिम बजट पर पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने प्रतिक्रिया देते हुए बजट को निराशाजनक बताया है।

शहर प्रवक्ता नवरतन जीनगर ने बताया कि पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत का बयान जारी कर कहा कि राजस्थान सरकार ने अपना पहला बजट और लेखा अनुदान पेश करने से पूर्व जैसा प्रचार प्रसार किया था की यह बजट आमजन के लिए राहत लेकर आएगा पेट्रोल डीजल की कीमत कम होगी लेकिन आज पेश किए गए लेखा अनुदान में मोदी की इस गारंटी का जिक्र तक नहीं किया गया की पड़ोसी राज्यो के समान कीमत कम होगी। जनता ने इस गारंटी को लेकर भाजपा को वोट दिए थे लेकिन आज मोदी की गारंटी की हवा राजस्थान सरकार के पेश लेखा अनुदान में निकाल दी।

पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने कहा है कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के द्वारा शुरू की गई शिक्षा ऊर्जा स्वास्थ एवं चिकित्सा सड़क क्षेत्र में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की जारी योजना एवं स्वीकृतियो को ही लागू कर देते तो अगले 10 साल का विकास हो जाता। बजट में मध्यम वर्ग युवा किसान गरीब सभी के साथ छलावा किया गया है। नौकरियों की जो बात की गई है उसका कोई रोड मैप तैयार नहीं है की किस विभाग में किस प्रकार कौन सी नौकरी कब तक लगेगी यूवाओ के साथ कुठाराघात किया गया है गहलोत सरकार की भर्तियों में जो अभ्यार्थी जिन्होंने सफलतापूर्वक परीक्षाओं को पास किया, नियुक्ति पत्र आवंटित किए गए, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने के कारण उन्हें नौकरी का जो पदभार ग्रह नहीं कर पाए, आज उन लोगों की प्रतीक्षा को कब समाप्त करेंगी वो कोई स्पष्ट नजर नहीं आया। राजीव गाँधी मित्र जो 5000 के करीब जयपुर में जो धरना दे रहे थे। उस धरने के अंदर एक राजीव गाँधी मित्र की मौत हो गई है। उन पर उनका कोई स्पष्ट नजरिया नजर नहीं आया मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना जो 25 लाख का सुरक्षा कवच देती थी, उसे बदल के मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया गया किंतु चिरंजीवी योजना में शामिल दुर्घटना बीमा के संदर्भ में किसी प्रकार का कोई जिक्र इस लेखानुदान में नहीं है राजस्थान की गहलोत सरकार के द्वारा राज्य में शुरू किए गए पृथक कृषि बजट को समाप्त कर दिया गया है यह भाजपा की किसान विरोधी सोच को दर्शाता है पूर्व की गहलोत सरकार द्वारा जारी चंबल परियोजनाओ के संदर्भ में इस मिनी बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है की आमजन की हितार्थ समर्पित इस कार्य को कब और कैसे पूरा किया जाएगा। कर्मचारियों के हित में गहलोत सरकार ने ओपीएस योजना लागू की थी इसके बारे में भी इस लेखानुदान में स्पष्टीकरण नहीं दिया गया जिससे कर्मचारी वर्ग में निराशा व्याप्त होगी सोलर लगाने पर पूर्व में भी बिजली फ्री मिलती थी गुड़ एवं शक्कर पर भी मंडी में बेचने पर टेक्स नही लगता था इंदिरा रसोई का नाम बदलकर परिवर्तित अन्नपूर्णा रसोई में केवल सामग्री की ग्राम की मात्रा के नाम पर श्रेय लेने की जो कोशिश की जा रही है उसमें भी पूर्व की सरकार भरपेट भोजन उपलब्ध करवाती थी जिसमें किसी प्रकार की मात्र की कोई बाध्यता नहीं थी सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत जो पेंशन एक हजार रुपए थी, उसे बढ़ाकर 1150 कर दिया। कांग्रेस की सरकार ने न्यूनतम आय कानून जो लेकर आए थे उसके तहत 15 प्रतिशत पेंशन योजना के अंदर बढोतरी को सुनिश्चित किया था। आज उसी के तहत इन्हें ये घोषणा करनी पड़ी।

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