वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौडगढ। चित्तौडगढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्न संख्या 23 के तहत चित्तौडगढ शहरीय क्षेत्र में नगर परिषद द्वारा कच्ची बस्ती क्षेत्र में बांग्लादेशी नागरिकों, रोहिंग्यों व अपने चहेतों को पट्टा देने का मुद्दा सदन में उठाया।
विधायक आक्या ने प्रश्न संख्या 23 के तहत सदन में मुद्दा उठाया कि चित्तौड़गढ़ शहरी क्षेत्र में 20 कच्ची बस्तियां है। इन कच्ची बस्तियों के निवासियों को किस-किस अवधि में कब-कब पट्टे जारी किये गये साथ ही नगर परिषद के वर्तमान बोर्ड द्वारा 2430 दोहरे पट्टे जारी कर दिये गये है। ऐसे परिवारों को भी पट्टे जारी किये गये है जो चित्तौड़गढ़ के मूल निवासी नहीं होकर बांग्लादेशी नागरिक व रोहिंग्या है जिन्होंने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पट्टे हासिल किये है। वर्तमान नगर परिषद बोर्ड ने अपने मिलने वालों व चहेतों को पट्टे जारी किये है क्या सरकार इन समस्त पट्टाधारकों के पट्टों की विधि सम्मत व्यापक जांच कर पट्टे खारिज करने का विचार रखती है। साथ ही सरकार शेष वंचित रहे पात्र परिवारों को कब तक पट्टा जारी करने का विचार रखती है।
इस पर सदन में उपस्थित नगरीय विकास एवं स्वायत शासन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार झाबर सिंह खर्रा ने जवाब देते हुए कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में 20 कच्ची बस्तियां है जो 1999 से पूर्व अवस्थित है जिसमें 3380 परिवार निवासरत जिनमें 13516 नागरिक निवास कर रहे है। नगर परिषद चित्तौड़गढ़ के वर्तमान बोर्ड द्वारा 2430 पट्टे जारी किये गये है जिनकी जिला कलेक्टर के माध्यम से विधि सम्मत जांच करवाई जायेगी अगर किसी व्यक्ति द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से पट्टा हासिल किया गया है तो उसके पट्टे को निरस्त कर उसके विरूद्ध विधि अनुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी साथ ही संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध भी आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
मंत्री खर्रा ने विधायक आक्या को आश्वस्त किया कि शेष वंचित पात्र व्यक्तियों को योजना बनाकर यथा संभव वर्ष 2024 में ही पट्टे उपलब्ध करा दिये जायेगें।