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आकोला के ऐसे है हमारे गांव के कार सेवक कई दिक्कतों के साथ अयोध्या पहुंचे, आने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

 

वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।

आकोला। अयोध्या धाम में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्य हेतु हुए आंदोलनों में कार सेवक अपनी जान की बाजी लगाकर अयोध्या पहुंचे, गुंबद को तोड़ा, ढांचे का मलबा हटाया और राम चबूतरा पर भगवान को विराजमान करवाया। उनमें से कई कार सेवक अब इस दुनिया में नहीं होगें। कार सेवा हेतु चित्तौड़गढ़ जिले के आकोला नगरपालिका के वार्ड नंबर एक भानियाखेड़ी निवासी लक्ष्मण लाल जाट, छगन लाल, शंकर लाल जाट आकोला से भी कार सेवक 1990 व 1992 की कार सेवा में अयोध्या पहुंचे और राम काज में अपना योगदान दिया। ऐसे ही कुछ कार सेवकों ने उनके अनुभव जाने। इन कार सेवको ने बताया कि कई अलग-अलग टोलियों में कार सेवक रवाना हुए थे। लक्ष्मणलाल जाट ने बताया कि 30 नवम्बर 1992 को यहां से कार सेवक परिचय पत्र प्रान्त चित्तौड़गढ़ से आसपास से कई सदस्य दल अयोध्या के लिए रवाना हुए। आकोला भानियाखेड़ी से हम तीनों व आसपास अनेक कार सेवक जयपुर से ट्रेन से रवाना होकर दिल्ली पहुंचे। इसके बाद दिल्ली से लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होकर रवाना हुए। उन्होंने बताया कि उन्हें सवाई माधोपुर जंक्शन से सीधी अयोध्या जाने वाली ट्रेन से जाना था लेकिन सरकार द्वारा सभी ट्रेनें बंद कर दी गई थी। इसलिए जयपुर जंक्शन होते हुए रवाना होना पड़ा। कपासन विधानसभा व चित्तौड़गढ़ क्षेत्र के कार सेवक साथ थे, वहां पहुचने मे कई दिक्कतें आई, कईयों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए। छिपते-छिपाते हुए अयोध्या पहुंच गए और कार सेवा में भाग लिया। सरकार का दावा था कि जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता वहां हजारों कार सेवक रामजन्म भूमि स्थल पर पहुंच गए। और झण्डा फहराया। जाट ने बताया कि 9 दिसम्बर को घर आये, आने भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सरकार द्वारा धरपकड कर रहीं थी, छुपते छुपाते घर पहुंचे। इन कार सेवकों को 19 जनवरी 2024 को कपासन में राम मंदिर की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया।

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