वीरधरा न्यूज़।बस्सी@ श्री आशीष नुवाल।
चित्तौड़गढ़ में पर्यटकों का ठहराव हो सके इसके लिए कहीं तरह की कोशिश की जा रही है साथ ही टूरिज्म को भी बढ़ावा मिले इसके लिए अब बस्सी सेंचुरी में जिप्सी सफारी की शुरुआत की जाएगी।
वन विभाग की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है कोशिश की जा रही है कि नया साल में पर्यटकों को यह तोहफा मिल जाए। बस्सी सेंचुरी में भी वन्य जीवो को जंगल सफारी का लुफ्त उठाते हुए निहार पाएंगे। बता दे कि पिछले साल से यहां पर्यटको के लिए वोटिंग की सुविधा शुरू की गई थी।
इको टूरिज्म को देना है बढ़ावा
चित्तौड़गढ़ मुख्यालय के करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर 138.69 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ बस्सी सेंचुरी है सेंचुरी विद्यांचल पर्वत माला से गिरी है चित्तौड़गढ़ में बाहर से आने वाले पर्यटक सिर्फ दुर्ग और श्री सांवरिया जी के दर्शन कर लौट जाते हैं ऐसे में सेंचुरी तक पर्यटक नाममात्र के ही पहुंच पाते हैं।
जबकि बस्सी सेंचुरी भी चित्तौड़ का एक मुख्य पथ है प्रशासन और वन विभाग की ओर से पर्यटकों के ठहराव के लिए कहीं तरह के नए-नए प्रोजेक्ट ले जा रहे हैं इसी क्रम में वन विभाग ने कोर्ट रीजन को बढ़ावा देने के लिए बस्सी सेंचुरी में जिप्सी सवारी शुरुआत करने के लिए तैयार या शुरू कर दी है।
टेंडर के बाद फाइनल होगा जिप्सी की रेट
डीएफओ सोनम जोड़ीहर ने बताया कि जिप्सी सवारी के लिए जंगल में 12 किलोमीटर का ट्रैक जो पहले से बना हुआ है उसे ठीक किया गया है इसके अलावा जल्दी टेंडर निकालकर जिप्सी की रेट फिक्स कर दी जाएगी उन्होंने बताया की कोशिश की जा रही है कि नए साल में पर्यटकों को जंगल सफारी का तोहफा मिल जाए पर्यटको की संख्या बढ़ती है तो यहां आगे और भी नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे ताकि आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी रोजगार मिल सके।
पर्यटकों के आने से खुल सकते हैं रोजगार के अवसर
रेंजर सुनील कुमार यादव ने बताया कि यहां कहीं इलाके ऐसे हैं जो मुख्य धारा से जुड़कर उनका विकास नहीं हो पाया है 25 सेंचुरी पास में होने के कारण यहां कई चीजों को शुरू किया जा सकता है अगर पर्यटको में बढ़ोतरी होगी तो अपने आप रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे टाइगर कॉरिडोर के लिए भी बस्सी सेंचुरी में अवसर ढूंढे जा रहे हैं इस वन क्षेत्र को 26 अगस्त 1981 को सेंचुरी का दर्जा मिला था, उन्होंने बताया कि यहां पर कहीं औषधि वनस्पति है इसके अलावा कई वन्य जीव भी रहते हैं।
टापू पर सुस्ताता था मगरमच्छ
वन विभाग की ओर से पिछले साल वोटिंग की शुरुआत की गई वहीं बस्सी डैम में आर्टिफिशियल टापू बनाए गए जहां अधिकतर मगरमच्छ को देखा जा सकता है पर्यटक वोटिंग करते-करते इस नजारे को भी अच्छे से देख पाते हैं इस डैम में लगभग 300 से भी ज्यादा मगरमच्छ निवास करते हैं यहां सियार, मगरमच्छ, क्रेन, जंगली बिल्ली, चीघारा, तेंदुआ, हिरण, मोर, शाही लकड़बग्घा, लंगूर, लोमड़ी, नीलगाय, जंगली सूअर, गरुड़, खरगोश, घोड़ा, जंगली घोड़ा, वानर, सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते हैं।