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नागौर-श्रीरामजन्म भूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हेतु संपर्क अभियान के निमित्त विचार गोष्ठी हुई आयोजित।

 

वीरधरा न्युज।नागौर@ श्री प्रदीप कुमार डागा।

नागौर।आगामी 22 जनवरी कोअयोध्या में होने वाले
श्री रामजन्म भूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हेतु संपर्क अभियान के निमित्त विचार गोष्ठी आयोजित हुई। मंच पर उपस्थित महंत कमलेश भारती पाबोलाव धाम लाडनू के महंत, बालाजी धाम डेह के महंत प्रकाश चंद ओझा, सुगन सिंह सर्किल शाहपुरा रामद्वारा के महंत भागीरथ राम शास्त्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक दार्शनिक, शिक्षाविद् व गीतकार नंदलाल बाबाजी तथाविश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री राजेश कुमार पटेल का इस अवसर पर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।अपने संबोधन में बाबाजी ने कहा कि भारतीय आदिकालीन श्रेष्ठ जीवन मूल्य, पद्धति व व्यवस्था आज भी जारी है केवल इसे युगानुकूल करने की जिम्मेदारी हम सब की है। विश्व में एक मात्र भारत ऐसा देश है जहां अतिथि देवो भव का भाव सदा से श्रद्धा का विषय रहा है। आज भारत के योग की जयजयकार, ब्रहमनाद की गूंज विश्व में प्रभावी रुप से व्यक्त हो रही है। उन्होंने कहा कि हम सबके लिए भारत माता सरस्वती लक्ष्मी व दुर्गा का समन्वित रुप है। मंदिर, मठ, गुरुद्वारा केवल मूर्ति पूजा के प्रतीक नहीं है बल्कि हमारे गौरव पूर्ण मर्यादा के प्रतीक हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा इसी का भाव का प्रकटीकरण है। आज विश्व में हो रहे परिवर्तन सनातन संस्कृति के गौरव को बढ़ाने वाले हैं। राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अपनी दैवीय संस्कृति, सात्विक शक्ति व सामर्थ्य का जागरण है। यही प्राण प्रतिष्ठा का संदेश इस पवित्रता के भाव के आधार पर घर घर समरसता, घर-घर हिंदुत्व और सात्विकता का मिलन बने इस नाते व्यवहार व कार्य हो ।अपने संबोधन में विश्व हिन्दू परिषद के जोधपुर प्रान्त संगठन मंत्री राजेश कुमार में कहा कि 22 जनवरी का कार्यक्रम एक सकारात्मक संकल्प है। भारत में राम का अस्तित्व ही हमारा अस्तित्व है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का अयोध्या में आयोजन हो रहा है लेकिन भारत और उसके बाहर, प्रत्येक गांव बस्ती अयोध्या मय हो और प्रत्येक नागरिक रामसीता मय हो। हम हमारे जीवन में राम जैसा आदर्श, विचार व्यवहारमय चिंतन खड़ा करना होगा। जो कुछ देश के लिए अच्छा नहीं है उसे हटाना यही इसका संदेश भी है। उनो ने कहा कि मुगल काल में भारत में अनेक मंदिर इस योजना से तोड़े गये ताकी मंदिर तोड़ने के माध्यम से हिंदू का विश्वास, श्रद्धा और जीवन मूल्य टूट जाएगा। अंग्रेजों के समय में भी शिक्षा के माध्यम से ही तथा मंदिरों का सरकार द्वारा अधिग्रहण करके इस विश्वास को तोड़ने का कार्य किया गया। हमारा यह प्रयास है कि मंदिर सरकारी अधिग्रहण से मुक्त हो पूर्व काल में भी मंदिर धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना से खड़े रहे तथा सभी स्थानों पर मंदिर आधारित वेद शाला गोशाला आदि संचालित हो। उन्होंने कहा कि आगामी 22 जनवरी 2023 प्रत्येक माह की 23 जनवरी हो इस संकल्प को खड़ा करना होगा। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के माध्यम से युवा शक्ति को नशे से बचाने, लव जिहाद से बचने के लिए हिंदू बालिकाओं को भारत के मूल परंपरा के संस्कारों पर खड़ा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में संत जानकी दास महाराज ने गोपालन, नशा न करने, गर्भ हत्या नहीं करने, भारतीय पोशाक धारण करने आदि से संबंधित विषयों पर अपने विचार रखें। कार्यक्रम में संत शक्ति व अनेक कार्यकर्ताओं ने भी अपने मन के संकल्प को विचारों के माध्यम से प्रकट किया। नागौर विभाग के अनेक संत महात्मा, भजन गायक, कथावाचक तथा मंदिरों के पुजारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सूरजमल भाटी ने किया। मंचासीन अतिथियों का परिचय परिषद के जिला मंत्री मेघराज राव ने करवाया। कार्यक्रम को विभाग प्रचारक गिरधारी लाल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के सह जिला मंत्री रामनिवास झाड़वाल, धर्म प्रसार प्रमुख राधेश्याम टोगसिया, प्रताप सिंह राजपुरोहित, कोषाध्यक्ष गणेश त्रिवेदी, प्रांत के सत्संग प्रमुख पुखराज सांखला, विभाग के संगठन मंत्री कुलदीप शर्मा, बजरंग दल के हरिकिशन चौधरी, देवेंद्र टाक, अनिल खदाव, सुशील झाड़वाल, सुरेश अटल, नीलू खड़लोहिया, अनुपमा शर्मा, दुर्गा वाहिनी की माया सांखला, कविता सांखला, सरिता राव, बबीता बेनीवाल, महावीर गौ सेवा समिति के बलदेव सांखला, हरिराम धारणिया, भोजराज सारस्वत, उम्मेदसिंह राजपुरोहित तथा मांगीलाल बंसल, पर्यावरण गतिविधि के शिवनाथ सिद्ध, गौ सेवा आयाम के गोपाराम धुंधवाल, मोहन राम सुथार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह खीमाराम भी उपस्थित रहे। विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
भजन गायक दिनेश माली, सुनील शर्मा, मनोहर दास, भवानी सिंह, सुनीता स्वामी, अनिता नायक, राम अवतार मालानी, मांगीलाल देवड़ा सहित अनेक भजन गायक, मगाराम बारूपाल, खटमल सेन व भरत महाराज की भी सहभागिता रही।
कार्यक्रम में भादवासी धाम के महंत हेतमराम महाराज, नेमीराम महाराज, संत उम्मेदाराम महाराज,मांझवास गौरक्ष धुणा के महंत योगी स्वरूप नाथ महाराज, रामपोल के महंत मुरली राम महाराज, महंत जानकी दास महाराज,स्वामी लक्ष्मी नारायण दास महाराज, कोजाराम महाराज, साध्वी सीताबाई, संत राजाराम महाराज, संत चरण दास महाराज, संत गोविंद राम शास्त्री, संत मोहनराम वैरागी, संत बनाराम महाराज, संत रविगिरी महाराज, संत मोहननाथ चाऊ का भी पावन सान्निध्य रहा।

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