वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। बुढ निवासी रतनलाल जाट ने अधिवक्ता मोहन सोनगरा के मार्फ़त एक परिवाद जिला स्थाई लोक अदालत में इस आशय का पेश किया की प्रार्थी की माता का बीमा कंपनी से 5 लाख77 हजार 664 रुपए के बीमित धन के लिए बीमा करवाया गया था, दुर्भाग्यवस बिमित अवधि के दौरान प्रार्थी की माता को खेत पर कार्य करते समय जहरीले जानवर के काट लेने से प्रार्थी की माता की मृत्यु हो गई, प्रार्थी की माता की दुर्घटना मृत्यु होने से क्लेम बाबत प्रार्थी के द्वारा बीमा कंपनी को क्लेम आवेदन भेजा गया।
बीमा कंपनी के द्वारा इस आधार पर प्रार्थी को बीमा क्लेम देने से इनकार कर दिया की प्रार्थी की माता के द्वारा पॉलिसी लेने से पूर्व उम्र के संबंध में तथ्य छुपाए गए थे। परिवाद में विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत किया गया तथा आपत्ति जाहिर की गई कि प्रार्थी की माता के द्वारा बनाए गए अलग-अलग दस्तावेज में जन्म दिनांक का अंतर होने से क्लेम आवेदन खारिज किया गया तथा क्लेम भुगतान नहीं किया गया वहीं अधिवक्ता परिवादी द्वारा बहस में बताया गया कि जिन दस्तावेज के आधार पर बीमा लिया गया था उन्हें दस्तावेज के आधार पर क्लेम आवेदन किया गया है ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी के द्वारा प्रार्थी का वाजिब क्लेम देने से इनकार किया गया जो की सेवादोष है।
प्रकरण में न्यायालय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शर्मा सदस्य शशि माथुर व विमला सेठिया ने परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मोहित सोनगरा के तर्कों से सहमत होकर आदेश पारित किया कि बीमा कंपनी 2 माह में प्रार्थी को चार लाख 99 हजार 474 रुपए मय 7% ब्याज के तथा अन्य मदों में 10 हजार रुपये का भुगतान करें।