चित्तौडग़ढ़-कूटरचित दस्तावेज एवं फर्जी खेल सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कोर्ट के आदेश से मामला दर्ज।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@श्री अनिल सुखवाल।
चित्तौड़गढ़/बड़ीसादड़ी।जिले के बोहेड़ा गांव निवासी दामोदर लाल पिता केसरीमल नाराणीवाल जाति नाराणीवाल उम्र 66 साल ने पुलिस थाना बड़ीसादड़ी में कैलाश चन्द्र पिता शंकरलाल मालु जाति मालु उम्र 50 साल निवासी बोहेडा, पुलिस थाना बड़ीसादड़ी जिला चितौड़गढ़ (राज.), मुकेश कुमार पिता शंकरलाल मालु जाति मालु उम्र 47 साल निवासी बोहेडा पुलिस थाना बड़ीसादड़ी जिला चितौड़गढ़ (राज.), शंकरलाल पिता प्रभुलाल मालु जाति मालु उम्र 70 साल निवासी बोहेड़ा पुलिस थाना बड़ीसादड़ी जिला चितौड़गढ़ (राज.) अभियुक्तगणों के खिलाफ परिवाद अन्तर्गत धारा 156 (3) जा.फौ. अपराध धारा 420, 466, 467, 468, 471, 120 बी भा.द.स. पेश कर कहा कि मैं अभियुक्तगणों से अच्छे बुरे भली भांति परिचित होकर इनको अच्छी तरह से जानता हूं। कैलाश और मुकेश मालु दोनों पूर्व वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक शंकर लाल मालु के पुत्र हैं और दोनों वालीबाल के नाम पर कुछ नहीं जानते हैं, शंकर लाल मालु ने अपने पद और जिला परिषद् पद पर रहते हुए 29 वीं जिला स्तरीय प्रतियोगिता के फर्जी खेल प्रमाण पत्र स्वयं तैयार कर अपनी हस्तलिखी से तैयार अपने दोनों पुत्रों कैलाश व मुकेश को फर्जी दस्तावेज व षडयंत्रपूर्वक नौकरी लगा दिया था जिसकी जानकारी स्वं. लक्ष्मण सिंह सारंगदेवोत ने परसराम चौधरी बोहेडा को स्वंय ने बताई थी। उन्होंने कहा कि यह प्रमाण पत्र मेरे भाई करण सिंह सारंगदेवोत को भी दिया था जिन्होंने भी नौकरी हेतु अप्लाई किया था शिकायत होने पर उन्होंने अपने बायोडाटा वापस ले लिये थे और इसी सन्दर्भ में पूर्व बोहेडा माध्यमिक विद्यालय के तत्कालिक प्रधानाचार्य सीताराम मालु द्वारा हमारी शिकायत के सन्दर्भ में शिक्षा विभाग में दिये बयान में दोनों खेल प्रमाण पत्र में हस्त लिखित शंकरलाल मालु की बताई गयी थी। और शंकरलाल मालु के दोनों पुत्र वालीबाल के खिलाड़ी नहीं रहें। दोनों खेल प्रमाण पत्र पर हस्तलिखित शंकरलाल की है। जब कि एक प्रमाण पत्र बोहेडा द्वारा जारी किया गया है एक बड़ीसादड़ी द्वारा जारी किया गया है। और बड़ीसादड़ी हाजरी रजिस्टरी में भी उपस्थिति दर्ज है जिनको इसमें मिली भगत कर इसे मिटाने का प्रयास किया गया हैं इसमें भी और अन्य शिक्षक दोषी हैं। जबकि सुचना हमकों नहीं दिखने वाली प्रतिलिपि दी गई इस कारण तत्कालिक शिक्षक और अन्य की मिली भगत दिखाई दे रही है। एवं मुकेश कुमार का खेल प्रमाण पत्र 1984-1985 प्रमाणित योगेश जानी निवासी बड़ीसादड़ी रिटायर्ड जिला शिक्षा अधिकारी जिनके फर्जी हस्ताक्षर 20-10-1973 को प्रमाणित राजकीय माध्यमिक बोहेडा की मोहर द्वारा किया गया जो फर्जी दिखाई दे रहा है एवं वालीबाल प्रतियोगिता में इनकी टीम कौनसे स्थान पर रही इनका क्या योगदान रहा साथ में कितने खिलाड़ी खेलने गये इस विवरण का स्कूल में रिकार्ड इनकी मिली भगत कर गायब दिखाई दे रहा है एवं मुकेश कुमार का जन्म 20-10-1973 जो कि कक्षा 6 में जिला स्तरीय वालीबाल टीम में गया और उसी टीम में इनका भाई कैलाश मालु भी खेलने गया और ये सब पुरी टीम के नाम भी बताने और वालीबाल खेल का इनको कोई अनुभव बताने में असमर्थ है। तो या तो टीम खेलने गई नहीं और या गई तो यह लोग खेलने गये ही नहीं क्योंकि हाजरी रजिस्टर प्रजेन्ट भी प्रश्नवाचक चिन्ह है। इस प्रकार गांव के अन्य हमारे जैसे ईमानदार व्यक्ति कहने को तैयार है कि यह फर्जी तरीके से और इनके पिता शंकरलाल मालु के राजनैतिक प्रभाव से नौकरी पर लगे और सरकार को चुना लगाया और किसी अन्य किसी लाभार्थी की नौकरी खा गये इसलिए इनके विरुद्ध दोनों विद्यालय से रिकार्ड लेकर और निम्बाहेडा से भी रिकार्ड लिया जाकर एवं इनके साथ नौकरी लगे अन्य शारीरिक शिक्षक के प्रमाण पत्र से मिलान कर खेल प्रमाण पत्र का एफएसल कराकर इनके खिलाफ साजिश पुर्वक अन्य किसी की नौकरी के साथ धोखाधड़ी करने फर्जी खेल प्रमाण पत्र बनाने और इनके महाराष्ट्र अमरावती सन्त लहान महाराज शारिरिक शिक्षण चान्दुर रेल्वे जिला अमरावती महाराष्ट्र की जांच की जाकर इनके साजिश पुर्वक फर्जी प्रमाण पत्र का प्रदार्पन कर इनको जेल भेजा जाये और इतने वर्ष फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त धन राशि को वसुल कर पुनः राजकोष में जमा कराई जायें। परिवादी ने उक्त घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना बडीसादडी में दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की और मौके पर न तो पुलिस आयी और न ही परिवादी की रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही की। फिर 27.03.2023 को रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ व 25.03.2023 को पुलिस महानिदेशक जयपुर (राज.) पेश की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से व्यथित होकर आप न्यायालय में परिवाद पेश किया। जिसपर एक ईस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी का न्यायालय ऐसीजेएम कोर्ट बडीसादडी से परिवादी दामोदर लाल निवासी बोहेडा का जरिये डाक भेजा गया। सभी पुलिस रिपोर्ट, पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ रिपोर्ट परिवाद के साथ पेश की गई। अभियुक्तगण का उक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 420, 466, 467, 468, 471, 120 बी के तहत दण्डनीय अपराध होने से परिवाद को कार्यवाही हेतु अन्तर्गत धारा 156 (3) जा.फौ. के तहत पुलिस थाना बडीसादडी मे भिजाया गया।