विजन 2030 जिला स्तरीय हितधारकों से पुलिस का संवाद आयोजित। वी.सी. के माध्यम से पुलिस मुख्यालय से जुड़े सीएलजी सदस्य व सुरक्षा सखी।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडगढ़। वर्ष 2030 में पुलिस विभाग में परिवर्तन के लिए दस्तावेज निर्माण हेतु राजस्थान विजन दस्तावेज-2030 के तहत् पुलिस विभाग का हितधारक परामर्श व सुझाव कार्यक्रम शुक्रवार को वीसी के माध्यम से हुआ। पुलिस मुख्यालय से वर्चुअल जुड़े पुलिस अधिकारी, पुलिसकर्मी, सीएलजी सदस्य व सुरक्षा सखी। गृह राज्य मंत्री, गृह शासन सचिव व डीजीपी सहित कई पुलिस अधिकारी भी वर्चुअल संवाद से जुड़े।
जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि राजस्थान को प्रदेश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु इसके मानकों के निर्धारण व इसे प्राप्त करने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाने का राज्य सरकार प्रयास कर रही है। वर्ष 2030 में आमजन राजस्थान पुलिस को किस स्तर का देखना चाहते है, उसका स्वरूप कैसा हो ? इसके लिए जिले की सुरक्षा सखी व सीएलजी सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किये गए है। जिला पुलिस के अधिकारियों ने पुलिस मुख्यालय के साथ शुक्रवार को वीसी के जरिए संवाद कर सुरक्षा सखी व सीएलजी सदस्यों से सुझाव प्राप्त किये गए।
वर्ष 2030 तक पुलिस विभाग में क्या अहम बदलाव किए जा सकते है, जिससे आमजन में पुलिस सुविधाओं का विस्तार हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए दस्तावेज तैयार किये जायेंगे। पुलिस मुख्यालय भी इन विचारो पर अमल करेगा।
महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार की इस अभूतपूर्व पहल के लिए सभी प्रदेश वासियों को बधाई और धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए पुलिस सेवाओं में सुधार और बदलाव के क्षेत्र में दस्तावेज बनाने के लिए विचारो का आदान-प्रदान होना अहम होता है। जिले से प्राप्त सभी विचारों को संकलित किया जाकर राज्य के विजन को संकलित किया जाएगा, इसके पश्चात राज्य सरकार द्वारा विजन के अनुसार नीतियो के अनुरूप क्रियान्वयन किया जावेगा। पुलिस सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है, विज़न 2030 में राजस्थान पुलिस कैसी हो, आप कैसा देखना चाहेंगे, आदर्श पुलिसिंग कैसे हो इस संबंध में संवाद किया। उन्होंने हितधारकों को सामुदायिक पुलिसिंग, पुलिस की आमजन के प्रति जिम्मेदारी, तकनीकी सुविधा मिलने व संसाधनो की उपलब्धता के बारे में अपने भी सुझाव दिए।
प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार ने हितधारक सीएलजी सदस्य व सुरक्षा सखी को अपराध नियंत्रण, एफआईआर पंजीकरण, सीसीटीवी कैमरा व थानों पर कई हेल्प डेस्क में सुधार करने हेतु सुझाव देने के लिए कहा।
गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव ने इस अवसर पर पुलिस द्वारा चल रही विभिन्न योजनाओं, स्वागत कक्ष, परिवादियों से मित्रता पूर्ण व्यवहार करने, आधुनिकीकरण के तहत वाहन उपलब्ध कराने, कई अपराधों में अनुसंधान का समय कम करने, पुलिस को सामुदायिक सहभागिता प्रदान करने आदि विषयों पर अपने सुझाव देने हेतु प्रेरित किया।
एडीजीपी मुख्यालय संजय अग्रवाल ने राजस्थान पुलिस की आधारभूत संरचनाओ व सेवाओं में सुधार की जानकारी दी। वर्तमान सरकार के द्वारा पुलिस में हुई प्रगति एंव उपलब्धियो के बारे में बताया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बुगलाल मीना, डीएसपी बुद्धराज टांक, शहर कोतवाल अध्यात्म गौतम व पुलिस निरीक्षक गजेन्द्रसिंह नरुका की उपस्थिति जिला मुख्यालय पर भी वी. सी. के माध्यम से संवाद किया गया।
इस अवसर पर एएसपी बुगलाल ने बताया कि वर्तमान में जिले में 2345 बीट स्तर व 56 जिला स्तर के सीएलजी सदस्य, 246 सुरक्षा सखी, 841 ग्राम रक्षक व 763 पुलिस मित्र कार्यरत है, जो विभिन्न अवसरों पर पुलिस की मदद करने को तत्पर रहते है।
शुक्रवार को जिले के समस्त थानों में जिला, वृत्त, थाना व बिट स्तर पर सुरक्षा सखी व सीएलजी सदस्यों से राजस्थान विजन 2030 के लिए परामर्श व सुझाव भौतिक रूप से प्राप्त किये गए। इस दौरान जिले से सभी वृत्ताधिकारी, थानाधिकारी, पुलिस कर्मियों सहित 355 सीएलजी सदस्य व 165 सुरक्षा सखी वर्चुअल उपस्थित रहे।