भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन खाजूवाला घटना सहित राज्य की दलित महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग की।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।खाजूवाला में पुलिसकर्मियों द्वारा दलित महिला के साथ दुष्कर्म एवं नादौती में दलित युवती की दुष्कर्म के बाद हत्या सहित राज्य में बढ़ती दलित उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम की मांग को लेकर भारतीय दलित साहित्य अकादमी के तत्वावधान में शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
दलित साहित्य अकादमी के जिलाध्यक्ष मदन ओजस्वी ने ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि राजस्थान दलितों के उत्पीड़न का महासागर बन गया है। आये दिन दिन अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के साथ उत्पीड़न, दमन, अत्याचार की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रहीं है पुलिस एवं प्रशासन इस वर्ग के प्रति संवेदनशील नहीं है। इसी कारण पूरे राजस्थान में इस तरह की दमनकारी घटनाओं में वृद्धि होती जा रही हैं।
अम्बेडकर विचार मंच के संस्थापक छगन लाल चावला ने खाजूवाला में पुलिसकर्मियों द्वारा दलित महिला के साथ दुष्कर्म की घटना, एवं करौली जिले में नादौती में दलित युवती के साथ दुष्कर्म कर हत्या की निन्दा करते हुए इसे सम्पूर्ण वर्ग के लिए आहत भरा बताया।
आप जिलाध्यक्ष अनिल कुमार चंदेल ने बताया कि सभ्य समाज में ऐसा अमानवीय कृत्य महिलाओं के आत्म सम्मान पर चोट हैं। महिला की अस्मिता को खतरा है। इन घटनाओं पर रोक के कठोर कार्यवाही की जावे।
अम्बेडकर विचार मंच के जिलाध्यक्ष सुरेश खोईवाल ने बताया कि ज्ञापन में असंवेदनशील पुलिस अधिकारी के निलम्बन की कार्यवाही, अपराधियों को कठोर से कठोर दण्ड देते हुए फाँसी की सजा देने, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता 50 लाख दिए जाने की मांग की गई।
इस अवसर पर बाबुलाल बैरवा, रामवतार मीणा, गणेश खटीक, दिलखुश खटीक, नानालाल रेगर, हरीश बारेठ, अजाक कोषाध्यक्ष रविन्द्र बैरवा, अजा जजा महासंघ के जिलाध्यक्ष दिनेश सालवी, एडवोकेट दिनेश खोईवाल ने विचार व्यक्त किये।
अंत में भारतीय दलित साहित्य अकादमी चित्तौड़गढ़ के संरक्षक निर्मल कुमार देसाई ने धन्यवाद देते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग निरन्तर इस तरह की अमानवीय घटनाओं का पूरजोर तरीके से विरोध करता रहेगा और सरकार से त्वरित मांग करता है।