वीरधरा न्यूज़।डूंगला@डेस्क।
डूगला।दिवाकर नगरी डूंगला में कालांतर से वर्षावास होता आ रहा है। डूंगला जैन धर्म के इतिहास में यह 84वा वर्षावास है। इस नगर में चौरासी वर्ष में कभी चतुर्मास खाली नहीं रहा। डूंगला नगर के लिए गौरव की बात है। श्रावक संघ कें मंत्री कनक मल दक ने बताया कि महासती मधु कुंवर जी मा. सा. आदी ठाणा 3 का नगर प्रवेश प्रातः 8:15 से दिवाकर विद्या निकेतन से प्रारंभ हुआ जो विभिन्न मार्गों से गुजरता हुआ जैन स्थानक पहुंचा। 9:15 पर साध्वी मंडल आदि ठाणा 3 का जैन स्थानक में मंगल प्रवेश हुआ। नवयुवक मण्डल, बालिका मण्डल, बहु मण्डल, युवक परिषद आदि ने अपनी अपनी ड्रेस कोड में भाग लिया। बहू मंडल ने मुंह पर मुंपत्ती धारण कर जीव दया का संदेश दिया। स्थानक में पहुंच बहु मंडल की अध्यक्षा प्रमोद मोगरा एवं बहुओं ने मंगल गीत के साथ चतुर्मास की शुरुआत की। साध्वी डॉ चिंतन श्रीजी मा. सा. ने धर्म प्रेमी बंधुओं को अपनी मधुर वाणी से प्रवचन दीया। प्रवचन के मौके पर बताया कि चतुर्मास में किस प्रकार पांचो महीने धर्म की आराधना करनी एवं अपने मन एवं आत्मा की सफाई करनी है। मंगल प्रवेश में निंबाहेड़ा, बड़ीसादड़ी, बिलोदा, बोहेड़ा, सांवलिया जी आदि श्री संघ एवं भारतीय जैन दिवाकर संगठन समिति के अध्यक्ष शांतिलाल मारु एवं महामंत्री सिद्धराज संघवी राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजय मारु राष्ट्रीय प्रबंधन मंत्री गिरीश कुमार श्रीमाल एवं लाडजी मेहता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैन कॉन्फ्रेंस महिला शाखा ने भाग लिया। जैन श्रावक संघ डूंगला के अध्यक्ष शांतिलाल मेहता, मंत्री कनक मल दक, चतुर्मास समिति के अध्यक्ष बसंतीलाल नागौरी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी लाल मोगरा, संरक्षक शेषमल दाणी आदि ने बाहर से पधारे सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर नवयुवक मंडल अध्यक्ष पुखराज दक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा शाखा मनीष दाणी एवं सैकड़ों की संख्या में धर्म प्रेमी बंधु उपस्थित रहे। चतुर्मास समिति के अध्यक्ष बसंती लाल नागौरी ने बताया कि 30 जून को सवा लाख नवकार मंत्र का जाप किया जाएगा एवं 1 जुलाई से चतुरमासिक व्याख्यान होंगे।