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बाल इंस्पायर अवार्ड की राज्यस्तरीय प्रदर्षनी बाल वैज्ञानिक चित्तौड़गढ़ पंहुचे, प्रदर्षनी शुरू।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। इंस्पायर अवार्ड की राज्यस्तरीय प्रदर्षनी की शुरूआत गुरूवार को स्थानीय भामाशाह द्वारका प्रसाद काबरा राउमावि में हुई। गुरूवार को राज्यभर से आएं बाल वैज्ञानिकों ने अपना पंजीकरण करवाया। हालांकि प्रदर्षनी का औपचारिक उद्घाटन शुक्रवार को राज्य के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के मुख्य आतिथ्य और राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रौन्निति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र सिंह जाडावत की अध्यक्षता में प्रातः 11 बजे होगा। इस अवसर पर कार्यक्रम में विषिष्ट अतिथि के रूप में नगरपरिषद सभापति संदीप शर्मा, उपसभापति कैलाश पंवार, प्रेम प्रकाश मुदंडा और अनिल सोनी उपस्थिति रहेगे। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय कल्पना शर्मा ने बताया कि राज्यस्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्षनी के आयोजन सचिव एवं संयुक्त निदेशक स्कूल षिक्षा उदयपुर मंडल पुष्पेन्द्र शर्मा एवं अन्य अधिकारियों ने प्रदर्षनी स्थल का जायजा लिया।

चाॅक डस्ट से परेशानी हुई, निदान कर डाला

कोटा जिले के बडगांव स्थित गुरूनानक पब्लिक सैंकडरी स्कूल के छात्र हर्षित शर्मा ने जब चाॅक डस्ट से अपनी टीचर को एलर्जी की दिक्कत होते हुए देखा तो इसके निदान की दिशा में सोचना प्रारंभ किया। कुछ ही दिनों में एक ऐसा प्रोजेक्ट बना डाला कि डस्ट की समस्या तो दूर हो गई वहीं चाॅक का पूनर्निर्माण होने लगा। हर्षित के इस प्रोजेक्ट में बोर्ड के चारों ओर एक फ्रेम है जो वेक्युम की मदद से सारी चाॅक की डस्ट खींच लेता है और एक कंटेनर में इकट्ठा कर देता है। कंटेनर में एकत्रित डस्ट का उपयोग नई चाॅक बनाने के लिए किया जा सकता है। 3से 4 हजार की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट में डस्ट से होने वाली कई बीमारियों से भी निजात मिल सकती है।

ड्राईवर को झपकी लगी तो गाडी स्वतः रूकेगी

सामन्यतया लंबी यात्रा में वाहन चालक को झपकी लगने से सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि से चिन्तित पिलानी झुंझुनू की छात्रा कुषाल कृष्णन ने ऐसा माॅडल तैयार किया है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को बडे पैमाने पर कम किया जा सकता है। कुषाल के माॅडल में ड्राईविंग करते हुए आँखों को पढ़ने वाला एक ऐसा सेंसर लगाया गया है जो आँखों के बंद होने पर एक अर्लाम के जरिये ड्राईवर को सचेत करेगा। नियत समय तक अर्लाम के बजने पर भी ड्राईवर के सचेत नहीं होने पर गाडी में लगा ऑटोमेटीक सेंसर गाडी के ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोक देगा। यह माॅडल सुरक्षित ड्राईविग के साथ व्यापक स्तर पर दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर साबित हो सकता है।

इंस्पायर अवार्ड नामांकन में चित्तौड़गढ़ का श्रेष्ठ प्रदर्षन
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना की राज्यस्तरीय प्रदर्षनी का मेजबान चित्तौड़गढ़ जिला इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के नामांकन में देषभर में एक अलग पहचान रखता है।
आयोजक विद्यालय संस्था प्रधान शंभुलाल भट्ट ने बताया कि इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के उद्देष्य ‘‘राष्ट्रीय आंकाक्षा और ज्ञान कोे बढ़ाते लाखों मस्तिष्क’’ की अवधारणा को लेकर चित्तौड़गढ़ जिले ने महत्पूर्ण प्रयास किए और देष भर में कई राज्यों और जिलों को पीछे छोडते हुए नए आयाम तय किए। इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में नामांकन को लेकर सत्र 2018-19 में तो जिला राज्यस्तर पर प्रथम रहा था।
देषभर के प्रतिभाषाली विद्यार्थियों के मनोमस्तिष्क मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण की सोच उत्पन्न करने को लेकर इस कवायद में चित्तौड़गढ़ जिला सत्र 2019-20 में 2050 नामांकन कर राज्य में द्वितीय तो राष्ट्रीय स्तर पर 31 वां स्थान पर रहा। इस सत्र में जिले से 145 बाल वैज्ञानिकों के विचारों का प्रारंभिक स्तर पर चयन हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपलब्धि दर्ज करवाने के बाद चित्तौड़गढ़ ने पीछे मुडकर नहीं देखा और सत्र 2020-21 में कोविड काल होते हुए भी इस योजना में जिले से 7329 नामांकन करवाकर 251 विद्यार्थियों का चयन प्रारंभिक स्तर पर करवाया। इस सत्र मे नामांकन स्तर पर जिला राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर पर 6वेें स्थान पर रहा। कोविड संक्रमणकाल 2021-22 में जिले ने एक और इतिहास लिखा और जिले के 502 बाल वैज्ञानिक प्रारंभिक स्तर पर चयन हुए। हालांकि सत्र 2021-22 में नमांकन की संख्या 6 हजार 300 ही रही पर माॅडल गुणवत्ता की दृष्टि से विगत वर्षों की तुलना में कम नामांकन होते हुए भी 502 वैज्ञानिक विचारों का प्रारंभिक स्तर पर चयन होना वैज्ञानिक विचारों की गुणवत्ता का परिचायक था।

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