बड़ीसादड़ी-बिनोता मेवाड़ा कुमावत समाज का अक्षय तृतीया पर सामूहिक तुलसी विवाह सहित 12 जोड़े बंधे विवाह बन्धन में
वीरधरा न्यूज़। बिनोता@ श्री अनिल शर्मा।
बिनोता। कस्बे के क्षत्रीय मेवाड़ा कुमावत समाज, चोखले समाज के पंच पटेलों के सानिध्य में कुमावत समाज का अक्षय तृतीया रविवार सामूहिक विवाह सम्मेलन बिनोता ख़ाकलदेव घर्मशाला एवम समीप मे बनाये गए विवाह मंडप पांडाल में श्री कल्लाजी राठौड़ की स्थापना के साथ तुलसी विवाह कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
सम्मेलन के मीडिया प्रभारी मनोज कुमावत ने बताया कि शनिवार को रेवास मंदसोर से ठाकुरजी की बारात बिनोता पहुची जहां सामूहिक विवाह सम्मेलन से जुड़े सदस्यो ने बरातियों का पुष्प वर्षा माल्यार्पण उपरना पहना कर स्वागत किया गया। बरातियों के संग ठाकुरजी जी बन्दोली निकली गयी शनिवार रात्रि आठ बजे महिला संगीत कार्यक्रम हुआ, सामूहिक विवाह सम्मेलन में रविवार को बिनोता की बावड़ी से सामूहिक कलश यात्रा के साथ विवाह के पंजीकृत 12 जोड़ो की बन्दोली सुबह सवा नो बजे प्रारम्भ हुई जो गाँव प्रमुख मार्गों से होती हुई विवाह पांडाल में पहुँची जहां ठाकुरजी
श्री कल्ला जी राठौड़ की पूजा अर्चना के साथ ही श्री कल्लाजी वेद संस्थान के विद्वान ज्योतिषाचार्य, एवम बटुकों की उपस्थिति में 12 जोड़ो का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न करवाया। विवाह मंडप में दूल्हा दुल्हन ने शादी कर फेरे लिए
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कुमावत राष्ट्रीय महासभा अध्यक्ष युधिष्ठर कुमावत उदयपुर पूर्व केबिनेट मंत्री श्रीचंद कृपलानी छोटीसादड़ी उप प्रधान विक्रम आंजना उपजिला प्रमुख भूपेन्द्र सिंह बडौली भाजपा पश्चिम मण्डल अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह शक्तावत पूर्व प्रधान गोपाल लाल आंजना कुमावत समाज के भामाशाह पदाधिकारी का सम्मान आयोजक मण्डल के सदस्यो द्वारा मंच पर किया गया कार्यक्रम का मंच संचालन डॉक्टर सुरेश कुमावत दीपक अन्यावडा द्वारा किया गया।
विवाह सम्मेलन की झलकियां
शनिवार को ठाकुरजी की बारात 110 किमी दूर मध्यप्रदेश के रेवास गाव से करीब 500 बरातियों के साथ धूमधाम के साथ बिनोता में आयी।
विवाह पाण्डल मंडप में श्रीकल्ला जी वेद शोध संस्थान के विद्वान पंडितों द्वारा विवाह कार्यक्रम से पूर्व ठाकुरजी के सानिध्य में मंत्रोच्चार कर 12 जोड़ो को बिवाह बंधन में बंधा रविवार को सुबह बन्दोली के दौरान
कलश यात्रा में 251 महिला मांगलिक वस्त्राभूषण पहन कलश लेकर साथ चल रही थी सबसे आगे बेंडबाजो के साथ घोड़े पर सवार युवक उसके महिलाएं कलश लेकर सबसे आगे बाद में ठाकुरजी का रथ तुलसी माता रथ ट्रेक्टर में झांकी के साथ उसके बाद 11 दूल्हे अलग अलग घोड़ो पर उसके बाद बग्गियों में दुल्हन बैठी हुई थी।
विवाह सम्मेलन में भाग लेने के लिए कुमावत समाज के रिश्तेदार मेहमान विवाह कार्यक्रम के साक्षी बने विवाह स्थल पर मेले जैसा माहौल बन गया।
बन्दोली का गाँव चारभूजा मन्दिर
ख़ाकलदेव मन्दिर धर्मशाला में भोजन प्रशादी कार्यक्रम पूरे दिन चलता रहा।