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शताइवीं शब (शबे-ए-कद्र) की रात में मुस्लिम समुदाय समाज के लोगों ने रात को जागकर अल्लाह की इबादत की।

 

वीरधरा न्यूज़। आकोला@ श्री शेख सिराजूदिन।

आकोला। रमजान माहे में आने वाली शताइवीं शब (शबे-ए-कद्र) की रात में मुस्लिम समुदाय समाज के लोगों ने रात को जागकर अल्लाह की इबादत की। अपने ही घरों में इबादत का दौर रहा। मुस्लिम समुदाय द्वारा द्वारा अपने बडे बुजुर्गों कि कब्र, कब्रिस्तान में जाकर फातेहा पढी और दुआएं मांगी। दरगाहें व मस्जिद की डेकोरेशन से सजावट की गई। रातभर मिलादें मेहफिल व इबादत का दौर चला। रमजानुल मुबारक महिने में इस मौके पर रात्रि में जामा मस्जिद में महफिल मिलाद का प्रोग्राम आयोजन किया गया। जिसमें पैश इमाम (मौलान) साहब ने नातिया कलाम पेश किया। मौलाना साहब ने कहा कि आज के दौर मे हमारे बच्चों को दुनियावी तालीम के साथ दीनी तालीम की बहुत जरूरत है। दीनी तालीम से भी इंसान की जिंदगी रोशन होती है। अपने बच्चों को दीनी तालीम दिया करो। बच्चा दीनी तालीम पाएगा तो उसको यह पता चलेगा रोजा, नमाज, जकात, हज एवं कलीमात क्या होती है। तालीम होगी तो खुद ब खुद अदब एतराम करने लगेगा। तकरीर में कहा कि इस्लाम बेहतरीन जिन्दगी जीने का तरीका बताता है, जिन्दगी का मकसद ईबादत करना है। हर बीमारी की दवा दरूद-ए-पाक है। रमजान के महिने की क्या बरकत होती हैं, हमारे नबी ने दुनिया के अन्दर इखिलास, मोहब्बत, भाईचारा व अमन का पैगाम दिया। पैगम्बर मोहम्मद सा. नबी की तारीफ बयान की। अंत में तबरूक (प्रसाद) पर फातिहा लगाकर प्रसाद वितरण किया गया।

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