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सवाईमाधोपुर-कर्ज माफी किसान सम्मान निधि समर्थन मूल्य सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी।

 

वीरधरा न्यूज़।बौंली बामनवास@ श्री श्रद्धा ओम त्रिवेदी।

बौली।भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री एवं किसान नेता रामअवतार मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस राज में किसानों का हर जगह पर शोषण हो रहा है किसानों के कर्ज माफी का वादा आज भी चुनावी जुमला बनकर रह गया है कई किसानों को किसान सम्मान निधि का राज्य सरकार की लापरवाही के कारण लाभ नहीं मिल पा रहा है। वही आज तक सरकार की 1 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर खरीद केंद्र खोलकर रबी फसल खरीदने की घोषणा के बावजूद भी जिले में कहीं पर भी समर्थन मूल्य के कांटे नहीं लगने से किसानों को आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है तथा ओने पौने दामों में अपनी फसलें बेचनी पड़ रही है।
किसान नेता रामअवतार मीणा ने बताया कि जिले में 9 स्थानों
बाटोदा, पांचोलास, खंडार, बौली, बामनवास,गंगापुर सिटी, खंडार, चौथ का बरवाड़ा, भाडोती में 1 अप्रैल से खरीद केंद्र खुलने थे । लेकिन सरकारी व प्रशासनिक लापरवाही के कारण कहीं पर भी खरीद केंद्र शुरू नहीं हो पाये हैं।
केंद्र सरकार द्वारा सरसों का 5450 रूपए समर्थन मूल्य तय कर रखा है जबकि मंडियों में 5000 से 5100रू में किसान बेचने को मजबूर हो रहे हैं। किसानों को सरसों पर प्रति क्विंटल पर 350 रूपये का नुकसान हो रहा है। इसी प्रकार चने का समर्थन मूल्य ₹5350 तय कर रखा है जबकि मंडियों में 4400 रूपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। जिससे किसानों को 850
रूपये प्रति क्विंटल आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। गेहूं 2350 रुपए की सरकारी दर तय कर रखी है जबकि मंडियों में 1900 रूपए प्रति क्विंटल में किसान बेचने को मजबूर हो रहे हैं। इस समय किसानों को बच्चों के शादी-ब्याह स्कूल फीस बैंकों का कर्ज तथा साहूकारों से लिया गया पैसा चुकता करने का समय होता है ऐसे में तगादे के कारण किसान ने चाहते हुए भी मजबूरी में आर्थिक नुकसान उठा कर फसल बेच रहे हैं। इस प्रकार किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कांग्रेस सरकार के नुमाइंदों- जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान इस ओर नहीं है। जिले में कांग्रेस के कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि भू माफिया, बजरी माफिया, शराब माफिया, दलाल, कमीशनखोर बनकर कानून की धज्जियां उड़ा कर जनता व राजकीय संपत्ति को लूटने का प्रयास जरूर कर रहे हैं।लेकिन किसानों व आम आदमी की पीड़ा को कोई नहीं समझ रहा है। ऐसे में अब मात्र जन आंदोलन के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचा है। इसके लिए पहले आज 18 अप्रैल को उपखंड अधिकारी बौली को ज्ञापन दिया जाएगा।

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