वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
जोधपुर। राष्ट्र-संत श्री चंद्रप्रभ जी ने कहा कि सफलता पाने के चार आधार स्तंभ हैं – मेन पावर, मैनेजमेंट पावर, मनी पावर और मोरल पावर। अगर हमें जीवन की बाजी जीतनी है तो दूसरों से जुडना और दूसरों को जोडना सीखना होगा। अगर हमारा किसी से रिश्ता टूटा हुआ है तो आज से ही उसे सांध लें। याद रखें, भले ही गंदा पानी पीने के काम नहीं आता, पर आग लग जाए तो उसे बुझाने के काम जरूर आता है। मेवों में जो महत्त्व पिस्ते का होता है जीवन में वही महत्व रिश्ते का होता है।
संतप्रवर रविवार को कायलाना रोड़ स्थित संबोधि धाम में मोटिवेशन और मेडिटेशन सेशन के दौरान साधकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढने के लिए जितनी जरूरत मेन पावर की है उतनी ही जरूरत मैनेजमेंट की भी है। अगर हम अपना काम 10 लोगों में बाँटकर करते हैं तो हमारी ताकत 100 गुना बढ़ जाएगी। आज सबसे पहले धर्म और समाज के क्षेत्र में मैनेजमेंट लागू करने की जरूरत है। हम लोग 5 करोड़ की लागत से धर्मशाला तो बनवा देते हैं, पर उसकी साफ-सफाई के लिए 5000 का खर्चा भी नहीं कर पाते हैं परिणाम 5 करोड़ बेकार हो जाते हैं। अगर सफाई हो तो गोबर का आँगन भी अच्छा लगता है अन्यथा मार्बल का आँगन भी गंदा लगता है।
मनी पावर के संदर्भ में संतप्रवर ने कहा कि समाज का हर भाई अमीर बने। गरीबों को कोई नहीं पूछता। घर की महिलाओं को चाहिए कि वे केवल घर के कामकाज तक सीमित न रहें वरन घर का स्टैंडर्ड ऊँचा उठाने के लिए कुछ घंटे व्यापार करे। पारले बिस्किट, निरमा सर्फ, बीकाजी भुजिया जैसे ब्रांडों से सीखें कि आदमी केवल बड़े काम करने से ही अमीर नहीं बनता वरन छोटे-छोटे धंधों को भी ऊँचाई पर पहुँचा कर अमीर बन सकता है। नौकरी की बजाय व्यापार करें। याद रखें, जिन्हें अपने काम पर विश्वास होता है वे जॉब करते हैं जिन्हें अपने आप पर विश्वास होता है वे व्यापार करते हैं। जॉब करने वाला जीवन भर नौकर रहता है, पर व्यापार करने वाला सैकड़ों लोगों को नौकरियाँ दे दिया करता है।
मॉरल पावर के लिए संतश्री ने कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि वेल्थ लोस्ट – नथिंग लोस्ट, हेल्थ लोस्ट – समथिंग लोस्ट, करेक्टर लोस्ट – एवरिथिंग लोस्ट। हम नैतिक तरीके से धन कमाएँ। शोषण कर कमाया गया पैसा पाप है। अनीति का पैसा हमारे घर में नहीं आना चाहिए। गलत काम करके आप पत्नी को तो हीरे की चूड़ी पहना दोगे लेकिन जिस दिन आपके हाथ में लोहे की हथकड़ी आ जाएगी तो उस दिन क्या करोगे। सबसे बड़ा धर्म है रू नैतिक जीवन जीने का संकल्प लेना। अमीर लोग धर्म के क्षेत्र में काले धन का उपयोग न करें। भलाई हमेशा सफेद धन से करना ताकि आपको वापस शुद्ध धन ही सौ गुना होकर के प्राप्त हो सके।
इससे पूर्व मुनि शांतिप्रिय सागर ने सभी को आरोग्य लाभ के लिए सक्रिय योग साधना का अभ्यास करवाया।
इस अवसर पर रत्नीदेवी डूंगरमल मालू बाड़मेर द्वारा गौशाला में हरे घास की गाड़ी समर्पित की गई जिनका संबोधि धाम ट्रस्ट मंडल द्वारा साहित्य का अभिनंदन किया गया।