वीरधरा न्यूज़। बेंगु@ श्री महेन्द्र धाकड़।
बेगूं। भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत की दो दिवसीय चिंतन बैठक शनिवार से बानोड़ा बालाजी परिसर में आयोजित की गई। प्रांत प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल नागर, महामंत्री अंबालाल शर्मा तथा संगठन मंत्री परमानंद ने संगठनात्मक, आंदोलनात्मक तथा रचनात्मक गतिविधियों पर चर्चा की। बैठक के दूसरे दिन रविवार को असमय बारिश से किसानों के नुकसान पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
बैठक में संगठन मंत्री परमानंद ने कहा कि भारतीय किसान संघ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। आज भारतीय किसान संघ के विचार को आधुनिक समाज भी मान्यता दे रहा है। गौ आधारित जैविक खेती की बात की जा रही है। भारतीय चिंतन परंपरा के आधार पर हमें काम खड़ा करना है। देश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में किसानों ने सर्वाधिक योगदान दिया है। हमें जमीनी स्तर पर काम खड़ा करना है। वही बैठक में बताया की 2024 तक 10 हजार ग्राम पंचायतों में समितियां बनाते हुए अपने सदस्यता को 10 लाख तक ले जाने के लिए काम करना है।
प्रांत महामंत्री अंबालाल शर्मा ने कहा कि गेहूं का उत्पादन अधिक होने और दूसरे देशों में मांग के बावजूद सरकारी नीति के कारण गेहूं का पूरा मूल्य किसान को नहीं मिल पा रहा। भारतीय किसान संघ की मांग है कि वाणिज्य मंत्रालय किसानों के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले किसान और कृषि मंत्रालय से सामंजस्य बिठाए। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी घोषित करती है, लेकिन उसका 25% ही खरीदती है।
प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल नागर ने कहा कि आपदा राहत कोष से मिलने वाली राशि बीमा राशि को काटकर दी जा रही है। जो किसान के साथ अन्याय है। पूर्वी नहर परियोजना को फुटबॉल बना दिया गया है। फसल खराब होने पर गिरदावरी के नाम पर होड़ लग गई। लेकिन खराबा वर्ष 2019, 2021 और 2022 का अभी भी बकाया है। बैठक में बद्रीलाल जाट, शिवराज पुरी, राममूर्ति मीणा, जगदीश खाती, राघुनाथ सिंह, महेंद्र सिंह, रघुनाथ सिंह नाथावात, आशीष मेहता, रजनी धाकड़, राजेंद्र दुबे, परता घासा, राधेश्याम गुर्जर, कमलेंद्र सिंह, राजेन्द्र शर्मा, बाबूसिंह रावत, राजेश शर्मा,गोकुल वैष्णव, केशव पोरवाल, किशन पाटीदार, सोहनलाल,ओमप्रकाश आमेटा समेत कईं लोग मौजूद रहे।