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सर्वेश्वर महादेव में कथा में उमड़ा श्रदालुओं का सैलाब कथा में जिला कलेक्टर ने कहा धार्मिक आयोजनों से बच्चों को संस्कार मिलते है।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौडग़ढ़।सर्वेश्वर मंदिर हर्षनगर चित्तौड़गढ़ में श्यामसुंदर कैलाश चन्द्र शर्मा के संयोजन में आयोजित पंचम दिवस की रामकथा में कथाव्यास पं. आशीष चाष्टा ने शिव धनुष भंग व लक्ष्मण परशुराम संवाद का विश्लेषण करते हुए कहा कि अहंकार व क्रोध प्राणीमात्र के शत्रु है, इसमें व्यक्ति अपना आपा खोकर विवेक रहित हो जाता हैं।वह सुधबुध खोकर अपशब्द व तिरस्कार के आधीन हो जाता हैं। अतः क्रोध पर नियंत्रण जरूर करना चाहिए। मनुष्य जो काम बलपूर्वक नहीं करवा सकता वह उसे हाथ जोड़कर विनम्रतापूर्वक सम्पन्न करा लेता हैं।सेवा व प्रेम मनुष्य जीवन में सफलता का राज हैं।
कथा में मुख्य अतिथि अरविन्द पोसवाल जिला कलेक्टर ने कहा कि धार्मिक आयोजनों से बच्चों में संस्कार मिलते है। आजकल रिश्तो की पहचान लुप्त होती जा रही, कहीं ऐसा न हो जाय कि हमें अपने रिश्तों को भी पुस्तकों के माध्यम से समझाना पड़े।
संयोजक कैलाशचन्द्र शर्मा रतनलाल शर्मा व सर्वेश्वर मंदिर समिति सदस्यों सहित संरक्षक लक्ष्मी नारायण डाड ने मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर व माल्यार्पण कर तथा उपरना ओढ़ाकर अतिथियों का स्वागत किया गया। गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित सदग्रंथ भेट कर सर्वेश्वर मंदिर के सदस्यों ने पं. आशीष चाष्टा का अभिनंदन किया। विशिष्ट अतिथि ओम जैन शम्भूपुरा सहित कृष्णगोपाल धुप्पड़, रामेश्वरलाल लढ़ा, राहुल शर्मा, रविमोहन शर्मा, श्याम आचार्य, भगवतीलाल व्यास, दुर्गेश शर्मा, रमेशचंद्र जड़िया, हरकलाल लढ़ा, मांगीलाल भड्कतिया, जगदीशचन्द्र अग्रवाल, रतनलाल शर्मा, नीरज चौहान, संजय चेचाणी आदि ने कथा श्रवण कर आरती का लाभ लिया।

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