वीरधरा न्यूज़।गंगरार@ श्री कमलेश सालवी।
गंगरार। उपखण्ड मुख्यालय पर बुधवार को शीतला सप्तमी पर शीतला माता की पूजा अर्चना की गई।
सुबह बड़ी संख्या में महिलाए शीतला माता मंदिर पहूंची
ओर शीतला माता मंदिर मे महिलाओ ने बासोडा बना कर माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाया। इस दौरान महिलाओं ने शीतला सप्तमी का व्रत रखकर कथा श्रवण की। मां से क्षेत्र व परिवार मे खुशहाली व रक्षा की प्रार्थना की। दूसरी ओर युवाओं एक दूसरे को गुलाल व रंग लगाकर त्योहार की बधाई दी।
वही दूसरी ओर उपखण्ड क्षेत्र के सोनियाना गांव में सीतला सप्तमी को लठ्मार होली का आयोजन विधीविधान पूर्वक पूजा अर्चना के उपरान्त ढोल की थपथपाहाट के साथ शुभारंभ हुआ इससे पहले
कस्बो में आज शीतला सप्तमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया, जहाँ युवाओ ने एक दूजे को गुलाल लगाकर होली खेली, एव एक दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं भी दी। पर्व को लेकर घरों में सभी ने एक दिन पूर्व बनाया गया भोजन ग्रहण किया इससे पूर्व महिलाएं मध्यरात्रि से गीत गाती हुई हाथों में थाल सजाकर शीतला माता पूजन स्थल पर पहुची जहा विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की, महिलाओ ने शीतला माता को बासोड़े का भोग लगाकर खुद ने भी ठंडा भोजन ग्रहण किया। महिलाओं ने एक दिन पूर्व ही भोजन बना दिया था। महिलाएं हाथों में पूजा की थाली लेकर शीतला माता के गीत गाते हुए पूजन करने पहुंची। उसके बाद महिलाओं ने माताजी की कथा का वाचन किया गया। वही लोगो ने जमकर गुलाल अबीर से होली खेली।
इसके बाद लठ्मार होली का आयोजन गंगरार के निकटवर्ती सोनियाना गांव मेे गुजर्र जाट समाज में खेला गया। यह आयोजन सदियों से चलता आ रहा है। लठ्मार होली सोनियाना गांव के चारभुजा मंदिर पर खेला गया। लठ्मार होली में महिलाओं द्वारा पुरूषों पर लठ् बरसाऐ। पुरूष सहजता के साथ लठ् की मार को सहन करते हुए बचाव करेंते रहे। लठ्मार होली से पहले गांव के बिच में शाम ढलने से पुर्व विधी विधान पूर्वक पूजा अर्चना के साथ पुरूष व महिलाओं द्वारा नृत्य के थपथपाहाट से शुरू हुआ उसके बाद में ढ़ोल पर नृत्य के साथ लठ्मार होली खेली गयी। होली के दौरान पुरूषों को घेर-घेर कर लाठियां बरसाई गई जबकी पुरूष अपने दम पर महिलाओ को लाठियों से बचने का जतन करते रहे। सोनियाना गांव में लठ्मार होली के मदे्नजर आस-पास के कई गांवों के समाजजन यहां भागदीरी करने पहुंचे।
महिलाओं को सम्मान देने का पर्व
गावं के बुर्जगो के अनुसार पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं के समानता का दर्जा बना रहे इसके लिए बुर्जगों ने इस प्रकार के कार्यक्रम रखे थे। पुराने समय में पुरूष-प्रधान समाज में जहां महिलाओं की हर जगह उपेक्षा की जाती थी। इससे महिलाओं में पुरूष समाज के प्रति उत्पत्र कुंठा के भाव को दूर करने के लिए लट्ठमार होली का आयोजन किया। इसके माध्यम से महिलाओ की सालभर की कुंठाएं को होली के पावन पर्व में खत्म करने के उदे्श्य को लेकर भाभी, काकी, अन्य महिलाएं अपने देवर, नजदीकी रिश्तेदारी,अन्य जनों को भी मारेगी, महिलाएं भी अपने प्रतिशोध होली के माध्यम से मन मे भेदभाव को मिटाया। इस दिन पुरूष खुशी-खुशी महिलाओ से मार खाकर उनकी सालभर की भरी कुंठाओ और गिले शिकवों को दुर किया, इस खेल को खेलने से पहले पूर्व भगवान शिव व पार्वती के सुखमय जीवन के गीतों का गायन किया गया।
गंगरार शहर सहित आस पास के ग्रामीण आदि गांवों के लोग लठ्मार होली को देखने आये।