वीरधरा न्यूज़। जयपुर@ श्री राहुल भारद्वाज।
दौसा । नगर निकाय चुनाव 2020 के अंतर्गत नगरपरिषद दौसा के सभापति पद का चुनाव रविवार को पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा में सम्पन्न हुआ । सभापति पद के लिए हुए इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ममता चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की अलका तिवाड़ी को 28 मतों से पराजित कर विजय हासिल की है । मतदान की इस प्रक्रिया में ममता चौधरी को कुल 41 मत मिले व बीजेपी की अलका तिवाड़ी को मात्र 13 ही मत मिले व एक मत निरस्त हो गया । इस दौरान भाजपा के दो पार्षदों ने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग की थी जिसमे से एक मत रद्द हो गया इससे भाजपा की आपसी खींचतान व गुटबंदी भी सामने आई है ।
गौरतलब है कि 55 सदस्यीय वाली दौसा नगरपरिषद में निकाय चुनाव परिणाम के दौरान कांग्रेस के 24, भाजपा के 15, बसपा के दो व 14 निर्दलीय प्रत्याशी विजयी होकर आए थे जिनमे से कांग्रेस ने अपनी पार्टी के अलावा 17 अन्य पार्षदों का साथ लेकर नगरपरिषद के बोर्ड में अपना प्रभुत्व कायम किया है। इसमे स्थानीय विधायक मुरारीलाल मीणा का कुशल प्रबंधन व चुनावी रणनीति कारगर रही जिसके आगे भाजपा नेता पस्त होते दिखाई दिए । कांग्रेस की जीत का एक कारण निर्दलीय चुनकर आए पार्षदों का कांग्रेस के खेमे में जाना भी माना जा रहा है जिसका कारण राज्य में कांग्रेस की सत्ताधारी दल का होना है ।
निकाय चुनाव में चुनाव दो दशक बाद बना दौसा में कोंग्रेस का बोर्ड
स्थानीय निकाय के चुनाव मे दौसा में 20 वर्ष अर्थात दो दशक के बाद कांग्रेस पार्टी का बोर्ड बना है इससे पूर्व कांग्रेस की पिंकी राजोरिया 28 अगस्त 2000 को दौसा नगरपालिका (वर्तमान में नगरपरिषद) के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुई थी । विगत तीन चुनावों मे दौसा नगरपरिषद के बोर्ड में भाजपा का कब्जा रहा है । विधायक मुरारीलाल मीणा के नेतृत्व में कांग्रेस का पहली बार बोर्ड बनना है जिसका कारण विधायक मुरारीलाल का कारगर चुनावी रणनीति व कुशल प्रबंधन का होना है । विधायक ने नगरपरिषद चुनाव के एलान होते ही दौसा नगरपरिषद में भ्रष्टाचार मुक्त बोर्ड बनाने का वादा कर दिया था तथा चुनावों से पूर्व दौसा शहर के लगभग प्रत्येक वार्ड मे दौरा कर वार्ड के प्रभावशाली लोगों से संपर्क कर सावधानी के साथ टिकट वितरण किया था और उसके बाद कांग्रेस को जिताने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जान फूंककर कड़ी से कड़ी से जोड़ने का आह्वान किया था । भाजपा कुछ समझ पाती इससे पूर्व ही मुरारीलाल अपनी चुनावी बिसात बिछाकर जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रहे थे और उन्होंने चुनावो से पूर्व ही कांग्रेस की जीत की घोषणा कर दी थी । इसके अलावा सभापति के चुनाव में भी उन्होंने मतदान से पहले ही 40 से अधिक वोट मिलने की घोषणा की थी जो कि चुनाव परिणाम के बाद सच होती हुई दिखाई दी ।