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चित्तौडग़ढ़ मे पहली बार हुआ जैन युवा प्रशिक्षण कार्यक्रम, राकेश जैन प्रखर ने दिए जैन सिद्धांतो पर बिजनेस टिप्स।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौडग़ढ़। शहर के रिठौला चोराया उदयपुर रोड स्थित इमेजिका रिसोर्ट के दरबार हॉल मे श्री महावीर जैन नवयुवक मंडल चित्तौडग़ढ़ के तत्वावधान मे पहली बार जैन युवा प्रशिक्षण कार्यक्रम का भव्य आयोजन रविवार को हुआ।
मंडल के प्रचार प्रसार मंत्री अर्पित बोहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि नवकार महामंत्र के जाप से शुरू हुए इस आयोजन मे स्वागत उदबोधन देते हुए मंडल के अध्यक्ष एवंत मेहता ने मंडल कि आगामी कार्यक्रमों के बारे मे जानकारी दी और सभी से आगे भी इसी तरह के सहयोग कि अपील की एवं सभी युवा साथियो को संगठित रहकर सामाजिक सरोकार मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए संकल्प दिलाया, उन्होंने कहा कि आजका युवा कल का भविष्य है, हमें सक्रिय रहकर सामाजिक गतिविधियों मे अग्रनीय रहना है।
मंडल के प्रचार प्रसार मंत्री ओम जैन शम्भूपुरा ने बताया कि महावीर जैन मंडल के अध्यक्ष डॉ आईएम सेठिया ने अपने उदबोधन मे कहा कि खुद का निर्माण खुद करना पड़ेगा, अपने समय की क़ीमत समझनी पड़ेगी, प्रतिभा और सफलता हमारे अंदर है कही और जगह ढूंढने की जरूरत नहीं।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अभिषेक सिद्ध ने अपने विशेष उद्बोधन मे अल्पसंख्यक समुदाय को सरकार से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं जैसे छात्रवृति, स्कूटी योजना, कोचिंग, शिक्षा लोन, व्यवसायिक लोन आदि सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और आव्हान किया कि आप सभी सरकार से मिलने वाली इन योजनाओं का लाभ ले।
इस भव्य आयोजन के मुख्य वक्ता इंदौर से बिजनेस गुरु गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सम्मिलित राकेश जैन प्रखर ने समाज के युवाओं को जैन सिद्धांतो व उनके पालन से आपका व्यवसाय और आगे बढ़ सकता है इस पर चर्चा करते हुए कहा कि आज यहाँ से जाने से पहले प्रण लेकर जाना कि मैं ऐसा करूंगा कि दुनिया याद करेगी, आप आज से जैन सिद्धांतो पर चलना शुरू करो यही आपकी सफलता का सही रास्ता है, उन्होंने कहा मेने एक संकल्प लिया हें कि हिन्दूस्तान मे हमारे जैन बच्चों को नौकरी पाने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनाना है, जैन धर्म का जो हमारा सिद्धांत हें आज का नहीं वो करीब 2600वर्षो पुराना सिद्धांत हें तो हम इसपर चलेंगे तो विश्व मे बिजनेस मे हमारी पताका फहरेगी।
उन्होंने कहा हमारा पहला सिद्धांत सत्य है और आपको टिकाऊ सफलता सत्य के भरोसे ही मिल सकती है, थोड़ा समय लग सकता है लेकिन सत्य कि बुनियाद पर हम अपनी मंजिल पा सकते है, मेरा यह मानना है कि किसी भी बात को मानने से पहले उसके सत्य कि जाँच करें।
उन्होंने बताया हमारा दूसरा सिद्धांत अहिंसा – हमें वो बिजनेस नहीं करना जिसमे किसी जीव कि हत्या होती है, जिसमे किसी को तकलीफ पहुँचती वो बिजनेस नहीं करना, जैन धर्म मे जीव दया का बड़ा महत्व है।
हमें अपनी जरूरते कम रखनी है ताकि हम बिजनेस मे गलत करने कि कोशिस नहीं करेंगे, आपको लोग जैसा देखेंगे वैसा विश्वास करेंगे, आपको सादगी पूर्ण देखेंगे तो लोग ज्यादा विश्वास करेंगे।
अनेकान्त का सिद्धांत पर बोलते हुए कहा कि जरुरी नहीं कि हम जो कह रहें वह सही हो सामने वाला कह रहा वह भी सही हो सकता है, यह हमें बिजनेस मे करने की जरूरत है।
अचोर्य सिद्धांत पर बताया कि हमें बिजनेस करते हुए चोरी कभी नहीं करनी चाहे वह टेक्स चोरी ही क्यों ना हो, आपका बिजनेस तभी ऊपर बढ़ सकता तब आप दो नंबर के काम से दूर रहेंगे।
जैन सिम्बोल पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि जैन धर्म यह बोलता है कि किसी को पीछे धकेलना हमारी धारना ही नहीं है, हमारे धर्म का सिद्धांत जिओ और जीने दो, व्यापार का सबसे बड़ा सिद्धांत हमें किसी से कॉम्पिटिशन करना ही नहीं है, हमें वो करना हें जो कोई नहीं कर सकता, वो नहीं करना जो दुनिया मे सब कर रहें है, हमें हटकर कुछ यूनिक करना है, जिओ कम्पनी का उदाहरण देकर बताया कि जो सबसे बाद मे आया वो आज सबसे आगे क्योंकि उसने वो किया जो उसके कम्पिटिटर नहीं कर रहें थे।
बिजनेस गुरु ने आहार शुद्धि पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जैन धर्म मे शाकाहारी खाना, सूर्यास्त से पहले खाना, पानी व्यर्थ ना करना आदि होता हें, इससे मन कि शुद्धि रहती यह करेंगे तो बिजनेस अच्छा होगा।
उन्होंने कहा ज़ब हमारी आत्मा ही अच्छी हो जाएगी तो बुरे विचार ही मन में नहीं आएंगे, तो बिजनेस अच्छे से होगा।
संयम पर कहा कि अपने जीवन मे संयम रखते हुए व्यापार करें, लालच से बचे जिससे हम अच्छा बिजनेस कर सकते है।
सामायिक/ प्रतिक्रमण पर कहा कि हमें इसी तरह बिजनेस मे शांत रहकर ठहराव के साथ अंतरात्मा कि सुनना हें।
उन्होंने कहा कि काम करना हर समस्या का समाधान है, हमें वो काम करना जो हमें पसंद हो, आपको अपने जीवन को सुखी और लम्बा बनाना है तो काम ही उसका एक उपाय हें।
उन्होंने कहा जिस तरह से हम अपने धर्म मे क्षमापना अपनाते वही अगर बिजनेस मे करें तो हमारा बिजनेस कही ज्यादा अच्छा होगा, क्षमापना से बिजनेस बहुत बढ़ेगा, जो क्षमा मांगे वो वीर हें और जो क्षमा करें वो महावीर है।
हमें अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना है तो अपनों के सामने जाकर हार मान लीजिए चाहे आप हारे नहीं हो लेकिन वहाँ आपका रिश्ता बचेगा।
उन्होंने कहा दान को हमारे धर्म मे बहुत विशेष माना वही हमें बिजनेस मे भी करना है, हमेशा देने का भाव रखना है।
समस्या और अवसर दोनों एक ही सिक्के के पहलू है, आपके पास समस्या आये तो उसे समस्या नहीं अवसर समझो ताकि आप उस समस्या का समाधान कर सकेंगे।
नवकार मंत्र पर बताया कि इसमें किसी भगवान का नाम नहीं आता मतलब हम व्यक्ति कि नहीं उनके गुणों कि पूजा कर रहें है, वही हमें अपने व्यापार मे करना होगा।
उद्बोधन कि कड़ी मे मंडल के पूर्व अध्यक्ष अरविन्द ढीलीवाल ने सभी जैन संगठन को एक होकर महावीर जैन मंडल को मजबूत करने का आव्हान किया।
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अशोक लोढ़ा, प्रवीण जैन उप निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, हर्ष मेहता, निलेश पटवारी तथा सभी संघों के अध्यक्ष गणों का मंडल कार्यकारिणी ने स्वागत किया।
कार्यक्रम का पूर्ण सरलता और सादगी के साथ पूर्व मंडल अध्यक्ष सुधीर जैन ने संचालन किया।
अंत मे आभार प्रकट मंडल के महासचिव वल्लभ मोदी ने किया।
मंडल के पदाधिकारी लोकेश डांगी, राजेश भडक्तया, विशाल सरूपरिया, अभिषेक लोढ़ा, एवंत सेठिया, दिलीप हिंगड़, मुकेश नाहटा, ललित पोखरना, कमलेश सिंघवी, मनीष भडक्तया, नितेश जैन, अंकुर चौधरी, अनूप पोखरना, अमित भंडारी, अमित संचेती, प्रदीप बोहरा, मुकेश वेद, रवी कोठारी, संजय भडक्तया, लोकेश सिंघवी, ओकेश नाहर आदि सभी ने कार्यक्रम मे आये अतिथियों, पूर्व मंडल अध्यक्ष, मंत्रियों व मीडियाकर्मिओ का उपरना ओढ़ाकर व मोमेंटो देकर स्वागत अभिनंदन किया।

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