वीरधरा न्यूज़। चिकारडा @डेस्क।
निंबाहेड़ा/ प्रभु वीर द्वारा प्रदत यह संयम मार्ग महान एवं सर्व सुखों का मूल है। पूर्व में भी यह जिन शासन में अनेक आत्माओं ने अपने जीवन को समर्पित कर जीवन को सफल बनाया है और यह त्यागपथ पर चले बिना कल्याण संभव नहीं है। आपका यह निश्चय अनुमोदनीय है आपका जीवन उज्जवल यशस्वी और निरंतर मोक्षमार्ग की ओर अग्रसर हो..उक्त उद्गार आज श्री राजेंद्र सूरि ज्ञान मंदिर में आयोजित दीक्षा मुहूर्त प्रदान समारोह में परम पूज्य गच्छाधिपति, धर्म दिवाकर, सूरिमंत्र आराधक श्री नित्य सेन सुरिश्वर जी महाराज साहेब ने अपने उद्बोधन में कहे।
दीक्षा मुहूर्त महोत्सव को लेकर आज निंबाहेड़ा नगर में एक तरह से उत्सव सा माहौल था ऐसा लग रहा था जैसे कोरोना का आज के बाद पहली बार कोई बड़ा त्योहार आया है अवसर था दीक्षा मुहूर्त प्रदान का और निंबाहेड़ा नगर में विराजमान यूगप्रभावकचार्य गुरुदेव श्रीमद् विजय जयंत सेन सुरिश्वर जी महाराज साहेब के पट्टधर श्री नित्य सेन सुरिश्वर जी महाराज साहब आदि श्रमण मंडल की पावन निश्रा में श्री राजेंद्र सुरी जैन ज्ञान मंदिर में आयोजित यह उत्सव में गुरु जन्मभूमि पर पेपराल तीर्थ में आयोजित आत्मोद्वार-4 में संयम पथ पर अग्रसर होने वाले मुमुक्ष अक्षय कुमार सेठ, अभिषेक हरण, जयंतीभाई सिंघवी, मानसी बेन वोहरा, विरती बेन वोहरा, आयुषी बेन धरू अपने परिवारजनों सहित पूज्य गच्छाधिपति श्री के पास अपने संयम जीवन के मुहूर्त के लिए पहुंचे। मुनिराज श्री विद्वत रत्न विजय जी महाराज साहेब ने अपने प्रवचन में समाज से जागरूकता और धर्म पथ पर निष्ठा के साथ आगे बढ़ने की बात कहते हुए चातुर्मास एवं लोक डाउन के अपने अनुभव उपस्थित जनों से साझा किए। इस अवसर पर चारण समाज की माताजी श्री कंकू माताजी विशेष रूप से उपस्थित रही।
इस अवसर पर मुमुक्षुओ का बहुमान श्री संघ, कार्यक्रम के लाभार्थी परिवार डूंगरवाल परिवार, श्री जयंत कुंथुनाथ राजेंद्र सुरी जैन श्वेतांबर तीर्थ कचरिया खेड़ी, श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद, महिला परिषद ,बहू परिषद, तरुण परिषद, बालिका परिषद, सेठिया परिवार ,लोढ़ा परिवार, परमार परिवार, सिरोहिया परिवार, मोदी परिवार, द्वारा किया गया। तत्पश्चात मुमुक्ष परिवारो की ओर से गच्छाधिपति से विनती की गई उनकी भावनाओं को देखते हुए दीक्षा का शुभ मुहूर्त चेत्र सुदी तेरस 25 अप्रैल 2021 दिया गया।जिसे प्राप्त करते ही जयकारों की ध्वनि से पंडाल गूंज उठा। ज्ञात रहे कि इससे पूर्व भी आत्मोद्वार-4 में तीन मुमुक्षु को भी 30 नवंबर को मुहूर्त प्रदान किया गया।
इससे पूर्व दीक्षार्थियों का दिवाकर भवन से भव्य चल समारोह आयोजित किया गया जिसमें नाचते गाते झूमते हुए बालक ,बालिकाओं एवं महिलाओं ने दीक्षार्थीयो का उत्साह वर्धन किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में सकल जैन समाज के सम्मानित सदस्य गण उपस्थित थे।
*इस अवसर पर गच्छाधिपति श्री के आदेसानुसार चातुर्मास आयोजक स्व.श्रीमान रतनसिंह पारख के पुत्र श्री ललितजी पारख को सौ. ब्र. त्रिस्तुतिक जैन श्री संघ के सरंक्षक के रूप में नियुक्ति के निर्णय की घोषणा की गयी । स्मरण रहे कि इससे पूर्व उनके पिताश्री रतन लाल जी पारख इस पद पर रहे है इनके आकस्मिक निधन के पश्यात यह निर्णय लिया गया।*