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जैन समाज ने श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आन्दोलन के समर्थन में निकाला मौन जुलूस जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। झारखण्ड राज्य सरकार की अनुशंषा पर गिरीडिह जिले में स्थित पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के वन्य जीव अभ्यारण, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटीव जोन के अन्तर्गत जोनल मास्टर प्लान, पर्यटन, धार्मिक सूची से बाहर निकाले जाने की मांग को लेकर सोमवार को चित्तौड़गढ़ के सकल जैन समाज की प्रतिनिधि संस्था श्री महावीर जैन मंडल द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वन एवम जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी के नाम जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल को मंडल अध्यक्ष डॉ आई एम सेठिया, महासचिव रणजीत सिंह नाहर, संरक्षक मंडल के अशोक कुमार मेहता,अशोक नाहर ललित सेठिया, अजीत ढीलीवाल,ओमप्रकाश अजमेरा, चंद्र सिंह कोठारी, कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ,बड़ी सादड़ी विधायक ललित ओस्तवाल ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में महिला मंडल अध्यक्षा ज्योति चंडालिया,महावीर नवयुवक मंडल अध्यक्ष लोकेश डांगी, महावीर युवा मंच अध्यक्ष आदित्य नागोरी,मंडल उपाध्यक्ष पारसमल पटवारी, राजेंद्र पाटनी ,अशोक भंडारी, कोषाध्यक्ष संपत डांगी सचिव मुकेश चिपड,विपिन नाहर, राजकुमार बज, दिलीप पोखरना सांस्कृतिक सचिव रमेश अजमेरा,प्रचार प्रसार सचिव सुधीर जैन सहित बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित रहे।
श्री महावीर जैन मंडल प्रचार प्रसार सचिव सुधीर जैन ने विज्ञप्ति में बताया कि जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से सकल जैन समाज ने बताया कि 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुसंशा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड मे गिरिडिह जिले के मधुबन मे स्थित सर्वोच्च जैन शाश्वत् तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर इको सेंसिटीव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना क्रमांक 2795 (ई) बिना जैन समाज के आपत्ति या सुझाव लिये जारी की थी।
ज्ञापन के माध्यम से बताया कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनन्त सन्तो की मोक्ष स्थली होने के कारण श्री सम्मेद शिखर जी का कण कण प्रत्येक जैन के लिए पूज्यनीय व वन्दनीय है। सूचना के अधिकार के तहत केन्द्रीय वन मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पारसनाथ तीर्थराज को इको सेन्सिटीव जोन मे घोषित किये जाने के पूर्व झारखंड सरकार या वन मन्त्रालय द्वारा कम से कम दो राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों और एक स्थानीय भाषा के समाचार पत्र मे आरम्भिक अधिसूचना प्रकाशित किये जाने के साथ मधुबन मे सैकड़ो वर्षों से कार्यरत जैन संस्थाओं को कोपी उपलब्ध नही कराई गयी, जिसके विरोध मे विश्व जैन संगठन द्वारा 17 मार्च 2022 को केन्द्रीय वन मंत्रालय और झारखंड सरकार को इसे रद्द करने हेतु याचिका भेजी गयी।
इस पर मंत्रालय द्वारा कोई कार्यवाही नही करने पर विश्व जैन संगठन द्वारा 26 मार्च 2022, 6 जुन 2022 और 2 अगस्त 2022 को जैन संस्थाओं, जैन बन्धुओं द्वारा देशव्यापी शान्तिपूर्ण विरोध करने के साथ ही पत्र लिखकर कार्यवाही हेतु निवेदन किया गया, लेकिन याचिकाओं पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गयी।
ज्ञापन के माध्यम से जैन समाज ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 15 जनवरी 2022 को पारसनाथ पर्वतराज पर हजारों लोगो की भीड़ चढ़ी, लेकिन पर्वतराज की सुरक्षा एवं पवित्रता हेतु स्थानीय पूलिस एवं प्रशासन की कोई व्यवस्था नही थी, जिसके कारण अजैन लोगो ने पवित्र जैन तीर्थंकर मोक्षस्थलियों पर जुते चप्पल के साथ बैठकर उनका अपमान किया, जिसकी विडिय़ो वायरल होने पर सकल जैन समाज में आक्रोश पैदा हुआ और 27 जनवरी 2022 को विश्व जैन संगठन के साथ अनेको जैन संस्थाओं ने मांस मदिरा मुक्त पारसनाथ पर्वतराज व मधुबन को पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किये जाने, पर्वत पर जाने वाले यात्रियों के पंजिकरण, सीसीटीवी कैमरे, यात्रियों के सामान की जांच हेतु स्केनर एवं सीसीटीवी के साथ 2 चेक पोस्ट स्थापित किये जाने, पर्वत की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराने, शुद्ध पेयजल व चिकित्सा आदि सुविधाओं उपलब्ध कराने हेतु याचिका भेजी गई, लेकिन जैन समाज की मांगों पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गयी और यह अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ घोर अन्याय है।
यहीं नहीं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा भी 24 मार्च 2022 को समस्त जैन समाज के इन विषयों पर झारखंड सरकार और केन्द्रीय वन मंत्रालय को कार्यवाही करने हेतु लिखने की जानकारी दी गयी थी, लेकिन उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नही की गयी।
ज्ञापन देने से पूर्व नगर के गोरा बादल स्टेडियम से सकल जैन समाज ने गोल प्याऊ,नेहरू बाहर ,सुभाष चौक, रोडवेज बस स्टैंड कलेक्ट्री चौराहे होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय तक मौन जुलूस निकाल कर झारखण्ड सरकार की अनुसंशा पर विरोध व्यक्त किया।
मौन जुलूस में महिलाएं जैन समाज की परंपरागत केसरिया साड़ियों में पंक्तिबद्ध होकर सम्मेद शिखर जी तीर्थ की संरक्षा और सुरक्षा के समर्थन में विभिन्न पोस्टर और तख्तियां हाथ में लेकर चल रही थी और जैन समाज की पताकाएं लहरा रही थी वहीं पुरुष श्वेत वस्त्रों में बैनर और जैन ध्वज फहराते हुए सम्मेद शिखर जी तीर्थ की पवित्रता और सुरक्षा के समर्थन में तख्तियां उठा कर चल रहे थे।
मौन जुलूस का एक सिरा गोल प्याऊ तो दूसरा सिरा गंभीरी नदी पुलिया तक था। जुलूस के समापन पर श्री महावीर जैन मंडल अध्यक्ष डॉक्टर आई एम सेठिया ने ज्ञापन का वाचन किया।
मौन जुलूस और ज्ञापन के पश्चात सकल जैन समाज के उपस्थित जनसमूह ने नवकार मंत्र का जाप कर कलेक्ट्री परिसर को धर्ममय बना दिया। मंडल महासचिव रणजीत सिंह नाहर ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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