डुंगला-चिकारड़ा में उदयपुर निंबाहेड़ा राजमार्ग पर लगा जाम, जाम में फसे रोगी वाहन पुलिस की गाड़ी भी नहीं निकल पाई।
वीरधरा न्यूज़।डुंगला@ श्री अमन अग्रवाल।
डुंगला। चिकारड़ा के उदयपुर निंबाहेड़ा राजमार्ग पर आए दिन लगने वाले जाम में ग्रामीणों सहित वाहन चालक परेशान दिखाई देते हैं। ऐसा ही गुरुवार को भी देखने को मिला। जहां एक-एक किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। इस जाम में ट्रेलर से लेकर छोटी गाड़ियां वही दुपहिया वाहन भी जाम में फंसने से अछूते नहीं रहे। छोटे-बड़े वाहन गलियों से निकलते हुए सांवलिया जी रोड पर निकले। इसको लेकर बाजार भी व्यस्त दिखाई दिया। चिकारड़ा के उदयपुर निंबाहेड़ा राजमार्ग पर जाम लगना कोई नई बात नहीं है। इस पर मंत्री से लेकर संत्री तक चलते हैं लेकिन किसी ने इस व्यवस्था मैं सुधार करने की जहमत नहीं उठाई। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर तंज कसती रहती है। व्यवस्था के नाम पर कुछ भी सुधार नहीं हुआ। जबकि बरसों से इस मार्ग पर टोल वसूला जाता है। कई बार हादसों में भी कई जाने गई। उस समय सभी को याद रहता है। और स्टेटमेंट जारी होते हैं शीघ्र ही व्यवस्था को सुधार करेंगे। इन कुछ दिनों बाद वही डफली वही राग। जाम को देखते हुए चाक-चौबंद रहने वाले चिकारड़ा चौकी इंचार्ज एएसआई प्रेमचंद मीणा के साथ कॉस्टेबल रामस्वरूप चौधरी मौके पर पहुंचे। तथा जाम को खुलवाने के लिए मशक्कत करते नजर आए। उनका प्रयास रहा कि एंबुलेंस को किसी भी प्रकार से जल्द ही बाहर निकाला जाए। और उसमें कुछ हद तक सफल भी रहे। चिकारड़ा कस्बे के उदयपुर निंबाहेड़ा राजमार्ग ग्राम क्षेत्र में चौड़ाई कम होने से वाहनों का जाम होना आम बात है। इस मार्ग पर ग्रामीण अपने मकान बनाने को लेकर होड़ में लगे हुए हैं। वही वाहन चालकों द्वारा अपने वाहन बे तरीके से खड़े करने पर तथा ठेला गाड़ियां बीच में खड़ी करने को लेकर जाम लगता रहता है। इस मुद्दे को लेकर प्रशासन ने अब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। निंबाहेड़ा में सीमेंट हब होने के कारण अधिकांश वाहन ट्रेलर के साथ अन्य वाहन इसी रोड से गुजरात की ओर जाते हैं। लंबे वाहन होने के कारण इस मार्ग पर जाम लगना आम बात है। मध्यप्रदेश के साथ राजस्थान के रोगी वाहन क्षेत्र के सबसे बड़े हॉस्पिटल उदयपुर मैं रोगियों को लेकर पहुंचते हैं लेकिन चिकारड़ा में जाम होने से कई बार मरीजों को जाम में फंसने के कारण जिंदगी से बी खेलना पड़ा। ग्रामीणों ने इस बाईपास की मांग को लेकर कई बार मुद्दे उठाए लेकिन किसी भी नेता से लेकर आला अधिकारी ने कोई सुनवाई नहीं की। ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग के दिन कब फिरेंगे।