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चित्तौड़गढ़ जिले में गेहूं, सरसों, चना सहित 7 फसलें अधिसूचित -31 दिसम्बर तक किसान करवा सकेंगे बीमा

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस बार जिले में रबी सीजन की 7 फसलों को अधिसूचित किया गया है। गेहूं, सरसों, जौ, चना, ईसबगोल, मैंथी एवं धनिया फसल का किसान 31 दिसम्बर तक बीमा करवा सकेंगे।

प्रीमियम राशि नहीं बढ़ी, किसानों को राहत

उप निदेशक कृषि विस्तार डॉ. शंकर लाल जाट ने बताया कि इस बार बीमा की प्रीमियम राशि नहीं बढ़ाकर किसानों को राहत दी गई है। गत वर्ष के समान ही किसानों को प्रीमियम देना होगा। गेहूं में 1195.85 रुपये, सरसों में 1003.89 रुपये, जौ में 779.16 रुपये, चना में 1056.69 रुपये, ईसबगोल 3660.75 रुपये, मैंथी में 3210.70 रुपये, एवं धनिया फसल 2815.00 रुपये प्रति हेक्टेयर कृषक द्वारा प्रीमियम देना होगा।

कहां, कौनसी फसल अधिसूचित

तहसील स्तर और पटवार स्तर पर फसलों को अधिसूचित किया गया है। बडीसादडी तहसील में चना, सरसों और गेहूं को पटवार स्तर एवं ईसबगोल को तहसील स्तर पर, बेंगू तहसील में सरसां, गेहूं को पटवार स्तर और जौ, चना एवं इसबगोल को तहसील स्तर, भदेसर तहसील में गेहूं को पटवार स्तर और जौ, चना इसबगोल एवं सरसों को तहसील स्तर, भोपालसागर तहसील में गेहूं को पटवार स्तर और जौ, चना एवं संरसों को तहसील स्तर, चित्तौडगढ़ तहसील में गेहूं को पटवार स्तर और जौ एवं सरसों को तहसील स्तर, डूंगला तहसील में ईसबगोल, सरसों, गेहूं को पटवार स्तर, जौ, चना को तहसील स्तर, गंगरार तहसील मे गेहूं को पटवार स्तर और जौ, चना व सरसो फसल को तहसील स्तर, कपासन तहसील में गेहूं को पटवार स्तर और जौ, चना इसबगोल एवं सरसों को तहसील स्तर, निम्बाहेडा तहसील में सरसों एवं गेहूं को पटवार स्तर और चना ईसबगोल एवं मैंथी को तहसील स्तर, राशमी तहसील में गेहूं को पटवार स्तर और जौ, चना एवं सरसों को तहसील स्तर, रावतभाटा तहसील में चना, सरसों व गेहूं को पटवार स्तर और धनिया को तहसील स्तर, बस्सी तहसील में गेहूं को पटवार स्तर और जौ एवं सरसों को तहसील स्तर पर अधिसूचित किया गया है। पटवार स्तर पर अधिसूचित फसलों के नुकसान का आकलन पटवार मंडल में हुए नुकसान के आधार पर होगा। इसी तरह तहसील स्तर जो फसले अधिसूचित है उनका नुकसान पूरे तहसील में होने पर ही किसानों को क्लेम मिलेगा।

फसल बीमा पाठशाला 15 से

फसल बीमा के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए बीमा कम्पनी द्वारा 15 से 25 दिसम्बर तक तहसील एवं जिला स्तर पर फसल बीमा पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। कृषक फसल बीमा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
फसलों पर प्रति हेक्टेयर क्लेम – रबी सीजन की मुख्य फसलों मे गेहूं, चना को माना जाता है। इसी कारण इन दोनों फसलों का क्लेम भी अन्य फसलों की तुलना मे अधिक देय होगा। जानकारी के अनुसार गेहूं की फसल में नुकसान होने की स्थिति में काश्तकारों को प्रति हेक्टेयर 79723 रुपये का क्लेम मिलेगा। इसी तरह सरसों की फसल में नुकसान होने पर 66926 रुपए क्लेम प्रति हेक्टेयर संबंधित बीमा कम्पनी द्वारा कृषको को दिया जायेगा।
इसके अलावा जौ का 51944 रुपए प्रति हेक्टेयर, चना का 70446 रुपए प्रति हेक्टेयर, धनिया का 56300 रुपए प्रति हेक्टेयर, ईसबगोल का 73215 रुपए प्रति हेक्टेयर और मेथी का 64214 रुपए प्रति हेक्टेयर का क्लेम देय होगा। इतनी क्लेम राशि शत प्रतिशत नुकसान होने की स्थिति में देय होगी। कम नुकसान की स्थिति में उसी अनुपात में क्लेम दिया जायेगा।

बीमा योजना से बाहर होने के लिए 24 दिसंबर तक देनी होगी सूचना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अगर कोई किसान फसलों का बीमा नहीं करवाना चाहता है तो उनको 24 दिसंबर तक बैंक शाखा में लिखित में सूचना देनी होगी ।
इसी तरह ऋणी काश्तकार फसलों मे परिवर्तन की सूचना 29 दिसंबर तक दे सकेंगे। गैर-ऋणी काश्तकार भी प्रीमियम राशि निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर पर जमा करा कर बीमा योजना में शामिल हो सकते है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानो से फसल बीमा करवाने के दौरान पूरे दस्तावेज जांचने की अपील की है ताकि पोर्टल पर अपलोड करते समय कोई गलती ना रहे। अगर बैंक खाता सहित अन्य किसी प्रकार की त्रुटि रहने पर इसमे परिवर्तन नहीं हो सकेगा।

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