चित्तौड़गढ़-प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत दुघर्टना की एफ आई आर और पंचनामा नहीं होने पर भी मेडिकल रेकार्ड के आधार पर क्लेम भुगतान का आदेश पारित।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।गोपल नगर चित्तौडगढ़ निवासी देवीलाल धाकड ने अधिवक्ता मोहित सोनगरा व देवी लाल धाकड के मार्फत जिला उपभोक्ता आयोग में एक परिवाद इस आशय का पेश किया कि बैंक द्वारा उसके पिता का वर्ष 2019-20 के लिये प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत 2 लाख रुपये का बीमा करवाया गया था, बीमीत अवधि के दौरान दिनांक 08/04/2022 को परिवादी के पिता खेत पर कार्य करते हुए पेड़ पर चढ़े और अचानक पेड से नीचे गिर गये जिन्हें तुरन्त जिला अस्पताल लाया गया वहां पर दौराने ईलाज परिवादी के पिता की दिनांक 11/04/2020 को मृत्यु हो गयी, परिवादी के द्वारा क्लेम आवेदन बैंक में प्रस्तुत किया गया, बैंक द्वारा औपचारीकताएं पुरी करवाई गयी परन्तु दुर्घटना की रिपोर्ट तथा मृतक का पोस्टमार्टम नहीं करवाये जाने को लेकर क्लेम भुगतान नहीं किये जाने का कथन किया तथा समय पर क्लेम बीमा कम्पनी को नही प्रेषित किया। परिवादी ने बैंक तथा बीमा कंपनी के विरुद्ध परिवाद इस आशय का पेश किया कि परिवादी के पिता पेड से गिरे जिससे फंसलिया टूट गयी और इस दुर्घटना में आई चोंटों के कारण परिवादी के पिता कि मृत्यु हो गई जिससे परिवादी दूर्घटना क्लेम राशि प्राप्त करने का अधिकारी है।
आयोग के समक्ष बीमा कम्पनी द्वारा बीमा नहीं होने तथा बीमा क्लेम नहीं भेजे जाने के संबध में आपत्ति उठाई तथा बैंक व बीमा कम्पनी के द्वारा यह भी कथन किया गया कि दुर्घटना की पुलिस रिपोर्ट और पोस्टमार्टम नहीं होने से बीमा क्लेम का भूगतान नही किया जा सकता है।
जिला आयोग अध्यक्ष प्रभुलाल आमेटा तथा सदस्य अरविंद कुमार भट्ट व राजेश्वरी मीणा ने अपने आदेश में उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद अधिवक्ता मोहित सोनगरा व धाकड के तर्को से व प्रस्तुत नजीरों से सहमत होते हए माना कि परिवादी के पिता पेड से गिरे है इसमें किसी अन्य व्यक्ति की गलती नहीं होने से पुलिस रिपोर्ट नहीं करवाई गयी ना ही पोस्ट मार्टम करवाया गया परन्तु परिवादी द्वारा प्रस्तुत सांवलिया जी राजकिय चिकित्सालय के रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि परिवादी के पिता कि मुत्यु दुर्घटना से हुई हैं तथा यदि बैंक के द्वारा बीमा कम्पनी को क्लेम फार्म नहीं भेजा गया है तो बैंक का सेवादोष है, जिससे जिला आयोग द्वारा बैंक को आदेशित किया गया कि संबधित बीमा कम्पनी को क्लेम फार्म भिजवाये तथा बैंक कि लापरवाही मानते हुए क्लेम राशि पर चेक जमा होने कि दिनांक तक का ब्याज बैंक के द्वारा परिवादी को किया जावेगा तथा अन्य मदों में 5 हजार रुपये का भुगतान भी बैंक द्वारा परिवादी को किया जावेगा।