70 किलोमीटर दूर गांव से चित्तौड़ आकर रक्तवीर बाबूलाल ने बचाई जिंदगी, टीम जीवनदाता के प्रयासों से हुआ रक्तदान।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।रक्त एक ऐसा जीवनदृव्य है जिसका किसी मशीन यंत्र द्वारा द्वारा निर्माण नही किया जा सकता ना उसका विकल्प बनाया जा सकता है, इसी रक्त जीवनदृव्य के अभाव में मरीज का इलाज अधूरा होता है
रक्तदान महादान जीवनदान होता है इसी भाव से अनोपपुरा गांव के टीम जीवनदाता से जुड़े रक्तवीर बाबूलाल धाकड़ 70 किलोमीटर दूर चित्तौड़गढ़ जिला ब्लड बैंक में पहुंच जिंदगी बचाई।
चित्तौड़गढ़ के निजी चिकित्सालय में बानसेन निवासी रीना जाट (21) को उपचार के दौरान दुर्लभ एबी नेगेटिव ब्लड ग्रुप की आवश्यकता हुई
रोगी के उपचार में रक्त बाधा उत्पन्न पैदा कर रहा था रोगी के पिता तुलसीराम ने अपने स्तर पर खूब प्रयास किये लेकिन एबी नेगेटिव दुर्लभ ब्लड ग्रुप होने के कारण उपलब्ध नही हो पाया परिवार के सभी सदस्यों ने अपना ब्लड ग्रुप चेक करवाया लेकिन कोई सफलता नही मिली फिर अंत मे सोशल मीडिया के माध्यम से जिले में अग्रणी रक्तदान सेवा संस्था टीम जीवनदाता से सम्पर्क किया और अपनी आपबीती बताई और रक्त उपलब्धता के लिए अनुरोध किया तो टीम जीवनदाता संस्था ने सक्रियता दिखाते हुए सोशल मीडिया पर अपील सन्देश वायरल किया वायरल सन्देश को टीम जीवनदाता से जुड़े बाबूलाल धाकड़ ने रक्तदान करने की इच्छा जाहिर की बाबूलाल धाकड़ अपने खेत मे खेती का सारा काम छोड़कर अपने साथी लाभचंद धाकड़ (पूर्व सरपंच शादी), लाभचंद अनोपपुरा, गोपाल अनोपपुरा के साथ गांव से 70 किलोमीटर दूर चित्तौड़गढ़ रक्तदान करने के लिए रवाना हो गए जहाँ बाबूलाल ने जिला ब्लड बैंक में 8 वी बार रक्तदान कर मरीज रीना जाट को रक्त देकर एक नया जीवनदान दिया।
रोगी रीना को पूर्व में भी उदयपुर उपचार के दौरान टीम जीवनदाता द्वारा एबी नेगेटिव रक्त उपलब्ध करवाया गया था।
यह सेवा का भाव देखकर रोगी बहन रीना के पिता भावुक हो गए आंखे नम थी लेकिन रक्तवीर बाबूलाल को देखकर एक नई आशा की उम्मीद जग उठी की अब मेरी बेटी का उपचार आसानी से हो सकेगा इसके लिए रोगी के पिता ने रक्तदाता का आभार जताया।
बाबूलाल धाकड़ ने रक्तदाताओं से अनुरोध किया कि आप भी हमेशा किसी पीड़ित असहाय की मदद के लिए तत्पर रहे नर सेवा ही नारायण सेवा है यही सही मायने में मानवता है।
इस अवसर पर टीम जीवनदाता के संस्थापक धीरज धाकड़, लाभचंद धाकड़, गोपाल धाकड़, लाभचंद धाकड़, पवन धाकड़, चंद्रप्रकाश कीर,मधुसूदन शर्मा,बालू रैगर,कृष्णा वैष्णव ने रक्तदान में रक्तवीर का उत्साहवर्धन किया।