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उत्पादन एवं आजीविका गतिविधियों पर प्रशिक्षण शिविर बोजुंदा कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौड़गढ़ में हुआ।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (जलग्रहण घटक) अन्तर्गत एक दिवसीय उत्पादन एवं आजीविका गतिविधियों पर प्रशिक्षण शिविर बोजुंदा कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौड़गढ़ में बुधवार को सम्पन्न हुआ।
प्रशिक्षण में पंचायत समिति भदेसर, भूपालसागर, कपासन, डूंगला, बड़ीसादड़ी, निम्बाहेड़ा एवं भैंसरोड़गढ़ क्षेत्र में संचालित परियोजना क्षेत्र के जलग्रहण समिति अध्यक्ष पदेन सरपंच, कृषि पर्यवेक्षक तथा जलग्रहण समिति सचिव सहित लगभग 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के प्रारम्भ में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुए अधीक्षण अभियंता पदेन परियोजना प्रबंधक वाटरशेड सेल कम डाटा सेन्टर, जिला परिषद आर. के अग्रवाल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों की आय को दुगुनी करने के लिये विभिन्न कृषि उत्पादन गतिविधियों तथा आजीविका संवर्द्धन हेतु इस प्रशिक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. रतन सिंह सोलंकी ने किसानों की आय दुगुनी करने हेतु खेतों का मृदा परीक्षण कर आवश्यकतानुसार खाद-बीज के उपयोग, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट के निर्माण एवं उपयोग पर विस्तृत व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर पंचायत समिति कपासन की ग्राम पंचायत उमण्ड के सरपंच प्रकाश चोधरी द्वारा जलग्रहण कार्यो को अत्यंत उपयोगी बताते हुए इस योजना को किसानों की आय बढ़ाने हेतु केन्द्रित किये जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जलग्रहण क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन, उन्नत बीज के फसल उत्पादन तथा फल विकास पर किसानों को ध्यान देना होगा।
उत्पादन गतिविधियों को पर चर्चा करते हुए अग्रवाल अधीक्षण अभियंता ने डूंगला क्षेत्र में गुलाब की खेती, भदेसर क्षेत्र में सब्जी उत्पादन विशेष तौर पर भिण्डी का पूर्व से प्रचलन होने को प्रोत्साहित करते हुए सम्पूर्ण जिले में सब्जी, फूल, मसाला आदि की खेती पर जोर देकर परियोजना क्षेत्र की प्रत्येक पंचायत क्षेत्र में 20-20 कृषकों को प्रोत्साहित कर वर्मी कम्पोस्ट का कार्य किया जाना चाहिए।
कृषि विज्ञान केन्द्र व्याख्याता डाॅ. दीपा इन्दौरिया द्वारा फल एवं सब्जी के प्रसंस्करण यथा टमाटर को सूखा कर पाउडर बनाने की विधि, हल्दी, अदरक आदि की प्रसंस्करण करते हुए किसानों द्वारा अधिक आय अर्जित की जाने की विधियों को विस्तार से बताया। इस बाबत् उन्होंने सोलर ड्रायर के उपयोग पर भी बल दिया। अधिशाषी अभियंता जलग्रहण भदेसर बद्री लाल जाट द्वारा चारागाह विकास पर प्रकाश डालते हुए चर्चा की तथा प्रशिक्षण के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया।

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