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सेमलपुरा ग्राम पंचायत से जिला कलेक्टर, राज्य मंत्री जाड़ावत और डीएमएफटी सदस्यों की मौजूदगी में पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।


चित्तौड़गढ़। जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने जिले के किसानों की आर्थिक बेहतरी के लिए शुक्रवार को सेमलपुरा ग्राम पंचायत से मटर की खेती का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। इस अवसर पर राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल, डीएफएफटी सदस्यों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने 80 किसानों को मटर की खेती के लिए आवश्यक खाद-बीज, कीटनाशक और अन्य सामग्री का किट सौंपा। इस पर डीएमएफटी से लगभग 75 लाख रूपए खर्च होंगे।

युवा कलक्टर समझते हैं किसानों का दर्द- राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत

राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल की इस नवाचार के लिए सराहना करते हुए कहा कि भले ही हमारे जिला कलक्टर हिमाचल के रहने वाले हैं, लेकिन वे राजस्थान के किसानों का दर्द समझते हैं।

दूसरे किसानों के लिए रोल मॉडल बनें- जिला कलक्टर

इस मौके पर किसानों को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर पोसवाल ने कहा कि अब परंपरागत खेती की बजाय किसानों को नकदी फसलों की तरफ बढ़ना चाहिए। इससे किसानों को कम समय में अच्छी पैदावार और मुनाफा हो सकता है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में नित नए नवाचारों और राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए किसानों को बदलते समय के साथ अपडेट रहने का आह्वान किया। जिला कलक्टर ने पायलट प्रोजेक्ट का लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि बीस-बीस किसानों का समूह बनाया जाएगा और एक कृषि सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसलिए इस प्रोजेक्ट का लाभ उठाएं। अगली बार अमरूद या अन्य किसी सब्जी और फल के बगीचे के लिए आवश्यक बीज और खाद निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

किसानों को दिया प्रशिक्षण

जिले की निम्बाहेडा, चित्तौडगढ़ एवं बेगूं पंचायत समिति से 1500 लघु एवं सीमांत किसान, जिन्हांने कभी सब्जी उत्पादन की खेती नहीं की हो उनका चयन कर उन्नत कृषि तकनीकी के साथ मटर सब्जी का उत्पादन कराया जाएगा। इस अवसर पर किसानों को कृषि विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया गया और मटर सब्जी उत्पादन की उन्नत खेती पर आधारित एक पम्फलेट का विमोचन भी किया गया।

कृषकों के चयन की ये प्रक्रिया

कृषकों के चयन की कार्यवाही क्षेत्र में कार्यरत सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक के द्वारा संचालित की जा रही है। लघु एवं सीमान्त कृषक जिन्होंने कभी सब्जी उत्पादन नहीं किया है और वो सब्जी उत्पादन करने में रूचि रखते है तथा जिनके पास सिंचाई के साधन की सुविधा उपलब्ध हो वो कृषक आवेदन करने हेतु अपने आधार कार्ड की फोटो प्रति, पासपोर्ट साइज का एक फोटो एवं बोये जाने वाले खेत की जमाबंदी की छायाप्रति साथ लेकर क्षेत्र के सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक से सम्पर्क करें। क्षेत्र में कार्यरत कृषि कार्मिकों की निगरानी एवं मार्गदर्शन में बुवाई की जाएगी।

बीज, खाद और कीटनाशी उपलब्ध कराएंगे

उप निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. शंकर लाल जाट ने बताया कि चयनित कृषकों को 0.1 हेक्टेयर क्षेत्रफल हेतु मटर का उन्नत बीज, जैविक कल्चर, उर्वरक, आवश्यकतानुसार कीटनाशी रसायन उपलब्ध कराया जाएगा। चयनित कृषकों को स्वयं के स्तर से जैविक खाद (गोबर की खाद) का कृषि कार्मिकों के दिशा-निर्देशानुसार खेत में उपयोग करना होगा।

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