वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।वरिष्ठ नागरिक मंच मुख्यालय की मासिक सभा सामुदायिक भवन शास्त्री नगर पर डॉ एच एस राठी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता शिक्षाविद चिंतक डॉ ए एल जैन ने की, वही विशिष्ट अतिथि के रूप में डिप्टी सीएमएचओ महेंद्र शर्मा, मंच संरक्षक डॉ भगवत सिंह तवर,पूर्व आरएएस देवी लाल आमेरिया व उपाध्यक्ष बी.एल.भट्ट मंचासीन थे।
मुख्य वक्ता डॉ ए एल जैन ने वरिष्ठ जनों के जीवन जीने की कला पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिंदगी को हर हाल में खुश होकर जीना चाहिए “खुशियां आए तो अति आनंदित नहीं होना वह गम आए तो ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, खुशी खुशी अपना जीवन आनंद से बिताए, जैन ने विश्व खाद्य दिवस पर अपने विचार रखे तथा मिलावट के तरीकों से अवगत कराया तथा बचाव हेतु प्रयोगशाला व परीक्षण पर जोर दिया।
कमला शंकर मोड़ ने प्रातः जल्दी उठने पर जोर दिया ताकि स्वास्थ्य ठीक रहे वही वाणी की शुद्धता बनाए रखने पर प्रसंग व वृतांत सुनाया।
महेंद्र जैन ने विश्व खाद्य दिवस पर विचार प्रस्तुत करते हुए सुरक्षा बनाए रखने पर जोड़ दिया तथा दीपावली पर्व पर ज्योति से ज्योति जलाते रहो गीत प्रस्तुत किया।
अंजना जैन ने “भला किसी का कर ना सको तो बुरा किसी का मत करो” काव्य पाठ किया व उपस्थित महिला सदस्यों का स्वागत किया।
केसरीमल भडक्त्या ने दीपावली पर बनी मिठाइयों पर मिलावट के क्रम में विचार प्रकट करते हुए सभी से अपील की कि जागरूकता रखें तथा भोजन के अपव्यय को रोकने पर विचार प्रस्तुत किए।
एसएन काबरा ने अपने बैंक के अनुभव साझा किया व वर्तमान ब्याज दरों पर चर्चा करते हुवे तथा मंच द्वारा लगाए गए आयुर्वेदिक शिविर हेतु आभार व्यक्त किया।
लक्ष्मीनारायण भारद्वाज ने चुटकुलों से मनोविनोद करते हुए हंसी के फव्वारे बरसाए व आहार-विहार पर विचार प्रस्तुत करते हुए “पहला सुख निरोगी काया” को बताया तथा प्रातः काल भ्रमण को सुंदर औषधि बताते हुए इसे नियमित पालन करने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय कवि अब्दुल जब्बार ने अपने काव्य अंदाज़ में हरी सब्जियां व मौसम के फल खाने,मांस मदिरा से दूर रहने का मुक्तक प्रस्तुत किया व नौजवानों तुम बुजुर्गों से बात करो -जिंदगी से तुम्हें प्यार हो जाएगा, पाठ का रसास्वादन कराया व नौजवानों को मिलनसारिता बनाए रखने का संदेश दिया तथा कहा कि खोटा सिक्का भी संगत में कलदार हो जाता है।
डॉ योगेश जानी ने खाद्य मिलावट को व्यंगात्मक रूप में प्रस्तुत करते हुए खाने को पियो तथा पानी को खाओ विचार प्रस्तुत किया स्वस्थ रहने के लिए नियमों की पालना अर्थ निवेदन किया सजगता व सावधान रहने का आह्वान किया।
महेंद्र सुराणा ने खाद्य मिलावट पर विचार प्रस्तुत किए व बताया कि रंगों के मसालों में प्रयोग से उनकी गुणवत्ता में गिरावट होने से शरीर कमजोर होते हैं अतः घर पर ही खाद्य वस्तुओं का निर्माण करने पर जोर दिया।
सभा मे माणकचंद ढिल्लीवाल, पुष्पा देवी काबरा मनोहर सिंह शक्तावत, शशि रंजन तिवारी, रजनी एम लड्ढा, सत्यनारायण टेलर, शारदा ट्रेलर राधेश्याम गहलोत, शंभू लाल व्यास, महेश चंद्र पुरोहित, श्याम वैष्णव, कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल नारायणीवाल, ओमप्रकाश सनाढ्य, चंद्र किशोर व्यास, दिनेश चंद्र पुरोहित, बालूराम रेगर, जीतमल छिपा, मनवीर सिंह दयाल चंद कोठारी, श्रीरामचंदानी, सुगन चंद मुणोत, अंबालाल श्रीमाल, महेश बसेर, सत्यनारायण ईनाणी, मदनलाल छिपा, डॉक्टर एम.के. पोरवाल, टप्पू भाई भट्ट,ओम प्रकाश ओझा, जगदीश चंद्र चोखडा, इंद्र कुमार गोयल, रमेश चाष्टा,रामप्रसाद मालू, बीएल कुमावत, अमर सिंह मेहता, प्रहलादराय आमेरिया,सरिता झुनझुनवाला, कमला डाड़ व नरेंद्र कुमार गौड़ सहित कई वरिष्ठ जन उपस्थित थे।
मंच उपाध्यक्ष बद्रीलाल भट्ट ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मन को नियंत्रण कर लेना ही ध्यान है तथा मौन व ध्यान पर विचार प्रस्तुत करते हुए समस्याओं का समाधान बताया।
राष्ट्रगान के साथ बैठक संपन्न हुई, सभा का संचालन मंच महासचिव राधेश्याम आमेरिया ने किया।