वीरधरा न्यूज़ । चित्तौड़गढ़ @ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। महाराणा प्रताप सेतु मार्ग स्थित एक निजी चिकित्सालय के निदेशक एवं मुख्य चिकित्सक के गत दिनों कोरेाना पाॅजिटिव पाए जाने पर जिला प्रशासन द्वारा इस चिकित्सालय को बंद करवाने के बावजूद कोविड-19 की गाईड लाईन की पालना नहीं किए जाने पर मामला दर्ज कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार, महाराणा प्रताप सेतु मार्ग स्थित पर्ल हाॅस्पिटल के निदेशक एवं मुख्य चिकित्सक के गत दिनों कोरेाना पाॅजिटिव पाए जाने पर जिला प्रशासन द्वारा इस चिकित्सालय को बंद करने के आदेश दिए गए थे, जिसके बाद उपखंड़ अधिकारी श्याम सुन्दर विश्नोई , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी डाॅ. रामकेश गुर्जर एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने कोविड-19 की गाईड लाईन का इस हाॅस्पिटल में उल्लघंन किए जाने की शिकायत मिलने पर जब निरीक्षण किया तो हाॅस्पिटल के संचालक एवं मुख्य चिकित्सक डाॅ. अंकित राज मेहता को चिकित्सालय परिसर में ओपीडी ब्लाॅक में घूमते हुए पाया गया, जो यहां आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के समान था।
कोतवाली में दर्ज करवाया मामला
संयुक्त टीम ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए डाॅ. मेहता के खिलाफ आईपीसी एवं महामारी अधिनियम के अन्तर्गत कोतवाली में प्रकरण दर्ज करवाते हुए चिकित्सक एवं उनके पिता राजमोहन मेहता केा संस्थागत आईसाॅलेट करते हुए चिकित्सालय को पूरी तरह से सेनेटाईजर करवाने के लिए तीन दिन और बंद रखने के लिए पाबन्द किया गया।
15 दिसम्बर तक किया था आईसाॅलेट
सीएमएचओ के अनुसार, डाॅ. अंकित राज मेहता को गत 2 दिसम्बर को कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने पर उन्हें उनके घर आईसाॅलेट आगागी 15 दिसम्बर के लिए किया गया था, लेकिन इसके बावजूद वह इसकी परवाह नहीं करते हुए हाॅस्पिटल में आने वाले अन्य मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हुए हाॅस्पिटल में पाए गए। उन्होंने बताया कि परिवार के आठ अन्य सदस्यों को भी होम क्वारेंटाईन किया गया था।
बिना सेनेटाईजर के ही प्रारम्भ कर दिया चिकित्सालय
सीएमएचओ के अनुसार, हाॅस्पिटल को पूरी तरह से सेनेटाईजर करवाए बिना ही हाॅस्पिटल की ओर से सोमवार से नियमित सेवाएं पुनः प्रारम्भ करने का प्रचार भी प्रारम्भ कर दिया गया, एवं यह गलत जानकारी दी गई कि यह हाॅस्पिटल मरीजो के हितों का सदैव ख्याल रखता है, एवं शहर में उभरता हुआ चिकित्सा संस्थान है, जबकि संयुक्त टीम ने चिकित्सक द्वारा इस तरह हाॅस्पिटल के ओपीडी ब्लाॅक में घूमता हुआ पाए जाने पर इसे न केवल काफी गंभीर माना, बल्कि प्रकरण भी दर्ज करवाया।5 दिसम्बर को लगाया था शिविर
इस बीच यह भी जानकारी है कि गत 5 दिसम्बर को उदयपुर के एक चिकित्सक ने भी इस हाॅस्पिटल में शिविर आयोजित कर मरीजों की जांच की थी, जिसके बारे में भी पता लगाया जा रहा है। यह जानकारी सही पाए जाने पर उक्त चिकित्सक के खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है।