वीरधरा न्यूज़।बम्बोरी@ श्री लोकेश जणवा।
बम्बोरी।संपूर्ण विश्व में आज भी मेवाड़ को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है उसका कारण वर्तमान का हमारा आचरण नहीं बल्कि हमारी पहचान मीरा की भक्ति पद्मिनी की शक्ति और पन्नाधाय के त्याग की वजह से है। गुप्तनवरात्रि के अंतिम दिन ग्राम बंबोरी में सत्संग के दौरान गौ भक्त पंडित राधेश्याम सुखवाल ने बताया कि नवरात्रि में शक्ति की पूजा आदिकाल से की जाती रही है एवं हमारे समाज में नारी शक्ति को पुरुषों से कई गुना उच्च स्थान प्राप्त है। जिसे वर्तमान में कुछ लोग बराबरी का अधिकार दिला कर और नीचे करने पर तुले हुए हैं जबकि कन्या जन्म से ही पूज्य होती है तथा मृत्यु पर्यंत तथा पीहर पक्ष में अपना अधिकार प्राप्त करती रहती है यह सब हमारी सनातन भारतीय हिंदू संस्कृति की देन है। संपूर्ण विश्व में सनातन परंपराओं के अनुसार यदि जीवन जिया जाता तो वर्तमान की किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आज सनातन परंपरा एवं संस्कार समाज से समाप्त होते जा रहे हैं युवा पीढ़ी पुरातन संस्कारों से अनभिज्ञ गीता, रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों से अपरिचित होकर स्वेच्छाचारी आचरणों में लिप्त है। जो कि आने वाले समय के लिए बहुत घातक सिद्ध होगा। गो गायत्री आध्यात्मिक शक्ति कलश पदयात्रा के ग्राम बम्बोरी पहुंचने पर ग्राम वासियों द्वारा स्वागत किया गया एवं श्री चारभुजा नाथ मंदिर पर आयोजित धर्मसभा में ग्राम के महिलाओ व पुरुषों ने भाग लिया। यात्रा शनिवार को भगवानपुरा गांव में प्रवास करेगी इसके पश्चात बिनोता मण्डलाचारण होते हुए 13 जुलाई को निंबाहेड़ा पहुंचेगी।
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